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प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग को से उत्तराखंड माननीय उच्च न्यायालय के 11 जुलाई के आदेश को नत्थी कर मांग पत्र भेज कर मांग कर डाली कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में ऐसे सभी प्रत्याशी जो इस आदेश से प्रभावित हो रहे हैं उनको चुनाव चिन्ह आवंटित ना किए जाएं।

आदेश से प्रभावित उम्मीदवारों को ना दिए जाएं चुनाव चिन्ह

कांग्रेस का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह नहीं दिया जाना चाहिए।  क्योंकि वे चुनाव लड़ने की योग्यता नहीं रखते और अगर वो चुनाव जीत भी जाते हैं तो परिणाम की बाद उनका चुनाव शून्य घोषित हो जाएगा।

उत्तराखंड के पंचायती राज अधिनियम के विरुद्ध आयोग द्वारा उनको दी गई सुविधा जो असंवैधानिक व गैर कानूनी है के कारण चुनाव लड़ पा रहे हैं और ऐसे में चुनाव परिणाम उनके पक्ष में आजाने पर पराजित उम्मीदवार द्वारा इस बिंदु पर न्यायालय द्वारा उनका चुनाव रद्द हो जाएगा।

ये है निर्वाचन आयोग की बड़ी गलती

धस्माना ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग की बड़ी गलती जो जानबूझ कर की गई के कारण राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के विरुद्ध जो स्टे हुआ है। उससे पूरे राज्य के पंचायत चुनाव प्रभावित हुए हैं। बड़ी संख्या में ऐसे प्रत्याशी मैदान में हैं जिनके नाम दो दो या उससे भी अधिक स्थानों पर वोटर लिस्ट में हैं और वे चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं लेकिन सत्ता धारी दल के दबाव में राज्य निर्वाचन आयोग ने गलत आदेश जारी किया जिसके कारण ये परिस्थितियां निर्मित हुई।