देहरादून स्थित पर्यावरणीय एक्शन और एडवोकेसी समूह सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को पत्र भेज कर आगामी 24 और 28 जुलाई, 2025 को प्रस्तावित पंचायत चुनावों को स्थगित करने की अपील की है। यह अपील भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों पर आधारित है जो राज्य में असामान्य रूप से तीव्र और अस्थिर मानसून की ओर इशारा कर रहे हैं जिससे जन-जीवन को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।
पंचायत चुनाव टालने की हाईकोर्ट से गुहार
एसडीसी फाउंडेशन ने हाईकोर्ट से पंचायत चुनाव टालने की गुहार लगाई है। मौसम विभाग देहरादून के अनुसार जून 2025 में राज्य में 240 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जबकि सामान्य आंकड़ा 176 मिमी होता है जो 36% की वृद्धि है। 25 जून से 2 जुलाई के बीच, औसतन 130.1 मिमी वर्षा हुई जो कि सामान्य 66.2 मिमी के मुकाबले 96% अधिक है।
जुलाई वैसे भी उत्तराखंड का सबसे अधिक वर्षा वाला महीना होता है जिसमें औसतन 417 मिमी वर्षा होती है। ऐसे में यह संकेत हैं कि भूस्खलन, बाढ़, ढलानों का टूटना और व्यापक जन-विघटन की आशंका अत्यधिक बढ़ गई है। एसडीसी फाउंडेशन ने अपनी अपील में कहा है कि यह आंकड़े केवल सांख्यिकीय नहीं हैं, बल्कि ये प्राकृतिक आपदाओं और बढ़ते खतरों का सीधा संकेत हैं।
एक जून से 28 जून तक 65 लोगों की मौत
एसडीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में 1 से 28 जून 2025 के बीच 65 लोगों की मौत वर्षा और आपदा से जुड़ी घटनाओं में हो चुकी है जो कि पिछले साल की तुलना में 103% अधिक है।इसमें 29 जून को उत्तरकाशी में बादल फटने और फ्लैश फ्लड में दो लोगों की मौत और सात लोगों के लापता होने की घटना शामिल है।
26 जून को बद्रीनाथ हाईवे पर घोलतीर गांव के पास एक यात्री वाहन के अलकनंदा नदी में गिरने से छह लोगों की मृत्यु हो गई। 28 जून को अकेले भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 160 से अधिक सड़कें बंद हो गईं जिससे कई स्थानों का संपर्क टूट गया।