फूलों की घाटी

उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित भ्यूडार वैली में मौजूद विश्व प्राकृतिक धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क के मुख्य प्रवेश द्वार आगामी ग्रीष्म काल सीजन के लिए एक जून को आम पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे। घाटी को पर्यटकों के लिए खोलने से पहले संपर्क मार्गो की मरम्मत शुरू हो गई है।

पर्यटकों के लिए एक जून को खुलेगी फूलों की घाटी

चमोली में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए एक जून को खोल दी जाएगी। अपनी प्राकृतिक आवास में ही खूबसूरत अल्पाइन पुष्पों की सैकड़ों दुर्लभ प्रजातियों के खिलने और भरपूर जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क में प्रत्येक सीजन में हजारों की संख्या में प्रकृति प्रेमियों और देशी विदेशी पर्यटकों की आमद होती है। जिससे पार्क प्रशासन को अच्छा राजस्व भी मिलता है।

इस सीजन के लिए घाटी Valley of flowers खुलने से पूर्व वैली की ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए पार्क प्रशासन की एक विशेष गश्त टीम रेंज ऑफिसर चेतना कांडपाल के मार्ग दर्शन में घाटी में पसरे हिम खंडों को बमुश्किल पार कर घाटी का जायजा लेकर मुख्यालय लौट आया है। जिसके बाद नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन द्वारा शीतकाल में बर्फबारी और ग्लेशियर के मूवमेंट के चलते क्षतिग्रस्त हुए पैदल संपर्क मार्गो को आवाजाही हेतु दुरस्त करने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है।

पैदल मार्ग की मरम्मत का काम हुआ शुरू

पार्क के प्रभारी प्रभगीय वनाधिकारी तरुण एस ने बताया है कि गोविंद धाम से वैली के प्रवेश द्वार होकर करीब 1किलोमीटर आगे घूंसा नाले से लेकर जहां जहां पैदल मार्ग टूटा हुआ है वहां पर बर्फ हटाने के लिए श्रमिक लगाए गए है। वहीं घाटी में अन्य जगहों पर भी पैदल मार्ग को ठीक किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक जून से पूर्व ही वैली के पूरे मार्ग को पूरी तरह से पर्यटकों की आवाजाही हेतु सुचारु कर लिया जाएगा।

आवाजाही सुगमता से सुचारु करने के लिए पार्क प्रशासन सजग

घाटी में आवाजाही सुगमता से सुचारु करने को लेकर पार्क प्रशासन पूरी तरह सजग है। बता दें कि अभी भी घाटी में द्वारी पुल से आगे एक दो जगहों ग्लेशियर प्वाइंट पर हिम खंड पसरे हुए नजर आ रहे हैं। जिन्हें जान हथेली पर रखते हुए पार्क की गश्त टीम ने पार किया है. इन प्वाइंट पर बर्फ को काटकर फिलहाल छोटा मार्ग आवाजाही के लिए बनाया जा रहा है।