ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पाकिस्तान बौखलाहट में लगातार सीमावर्ती इलाकों में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है। भारत ने इन प्रयासों को विफल कर दिया है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम पर अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का विवादास्पद बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने परमाणु विकल्प को लेकर बयान दिया है।
‘परमाणु विकल्प फिलहाल एजेंडे में नहीं है’: ख्वाजा आसिफ
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि मौजूदा हालात में परमाणु विकल्प पर विचार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने हालांकि चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो इसके असर केवल सीमित दायरे में नहीं रहेंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर महसूस किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “यह केवल क्षेत्रीय संघर्ष नहीं होगा, बल्कि यह व्यापक तबाही का रूप ले सकता है। भारत की ओर से बनाई जा रही स्थिति के चलते हमारे विकल्प सीमित हो रहे हैं।” आसिफ ने यह भी बताया कि अभी तक पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। यह संस्था देश के परमाणु हथियारों के संचालन और निर्णयों की जिम्मेदारी निभाती है।
‘मदरसों के छात्र हमारी दूसरी रक्षा पंक्ति हैं’
पाकिस्तानी संसद के विशेष सत्र में ख्वाजा आसिफ ने एक और चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र देश की दूसरी रक्षा पंक्ति हैं, और आवश्यकता पड़ने पर उनका पूरा उपयोग किया जाएगा। इस बयान से पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर एक बार फिर उजागर हो गया है, क्योंकि वह लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दावा करता रहा है कि मदरसे केवल शिक्षा केंद्र हैं। भारत द्वारा 9 मई को किए गए ड्रोन हमलों को लेकर भी ख्वाजा आसिफ ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जानबूझकर प्रतिक्रिया नहीं दी ताकि अपनी एयर डिफेंस प्रणाली की जानकारी सार्वजनिक न हो।
सीमा पर तनाव चरम पर
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तब और गहरा गया जब भारतीय सेना ने बुधवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी लॉन्चपैड्स पर सटीक हमले किए। ये हमले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में किए गए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने शुक्रवार रात भारत के जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक के 26 इलाकों को ड्रोन से निशाना बनाने की कोशिश की। हालांकि, भारत के रक्षा मंत्रालय ने साफ किया कि इन हमलों को नाकाम कर दिया गया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।