उत्तराखंड सचिवालय से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां सचिव सिंचाई डॉ आर राजेश कुमार के हस्ताक्षर एडिट कर फर्जी तबादले के आदेश जारी कर दिए गए। जारी किए गए इन आदेशों में अपर सहायक अभियंताओं के ट्रांसफर किए गए थे। जबकि इस स्तर के अधिकारियों के तबादले शासन की परिधि में नहीं आते। इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद उत्तराखंड सचिवालय और सिंचाई विभाग में हड़कंप मच गया।
फर्जी हस्ताक्षर से तबादले करने का ऐसे हुआ खुलासा
सचिव सिंचाई के संज्ञान में जब ये मामला आया तो उन्होंने इसके तुरंत जांच के निर्देश दिए। जांच के बाद इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक जारी किए गए ये तीनों आदेश न तो शासन से निर्गत हुए थे और न ही डिस्पैच किए गए थे। लेकिन सिंचाई मुख्यालय स्तर से इन आदेशों को अमल में लाकर तबादले कर दिए गए।
हैरानी की बात तो ये है कि इस फर्जीवाड़े के चलते तीन अभियंताओं को नई तैनाती भी दी गई थी। जो कि पूरी तरह अवैध थी। जब सचिव सिंचाई को इसकी भनक लगी तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन सभी आदेशों को निरस्त कर दिया। अभियंताओं को उनकी पूर्व तैनाती पर ही काम करने के निर्देश दिए।
सचिव ने दिए FIR दर्ज करने के आदेश
सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही मामले में एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि इस जालसाजी में शामिल लोगों को कानून के दायरे में लाया जा सके। हालांकि इस से पहले भी उत्तराखंड में तबादलों में अनियमितताओं के मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन ये मामला गंभीर है क्योंकि इसमें सीधे सचिव स्तर के अधिकारी के हस्ताक्षर से छेड़छाड़ कर आदेश जारी किए गए हैं। जिसके बाद शासन-प्रशासन अब इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है।