वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण पाने के उद्देश्य से, 22 जनवरी को उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में मॉक अभ्यास आयोजित किया जाएगा। इस मॉक ड्रिल का आयोजन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के निर्देशानुसार किया जा रहा है।
22 जनवरी को अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी जिलों में मॉक ड्रिल होगी।
इससे पहले, 7 जनवरी को ओरिएंटेशन और कोऑर्डिनेशन बैठक तथा 20 जनवरी को टेबल टॉप एक्सरसाइज का आयोजन किया जाएगा।
वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए वन विभाग की पुख्ता तैयारी है। फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट प्लान को लेकर बैठक की जाएगी और पिरूल कलेक्शन का नियमित समीक्षा की जाएगी।
वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए समुदायों की सहभागिता पर जोर दिया जाएगा। आम जनमानस में जागरूकता फैलाने के प्रयास किए जाएंगे।
मॉक ड्रिल इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) के तहत आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न विभागों और अधिकारियों के दायित्वों का स्पष्ट उल्लेख होगा।
अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी को सबसे संवेदनशील जिलों के रूप में चिन्हित किया गया है, जहां मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
यह मॉक अभ्यास उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचाने और वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से विभिन्न विभागों और समुदायों को तैयार किया जाएगा ताकि वास्तविक आपदा के समय त्वरित और प्रभावी कार्यवाई की जा सके।

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