Uttarakhand: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने की तैयारी पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। यूसीसी लागू करने की तैयारी पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने राज्य सरकार की इस पहल पर सवाल उठाते हुए कहा कि कानून बनाना आसान है, लेकिन इसे समाज में स्वीकार्यता और लागू करने की क्षमता महत्वपूर्ण है।

गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि यूसीसी पर विचार-विमर्श के बिना इसे लागू करना जमीनी स्तर पर चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज की विविधता को ध्यान में रखते हुए कानून का निर्माण और कार्यान्वयन होना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता गरीमा दसौनी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में  कहा बिना होमवर्क के उच्च शिक्षा स्तर लागू करने की बात की जा रही है। उन्होंने  राज्य सरकार पर बिना विचार-विमर्श के कानून लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा कदम जनता के पक्ष में नहीं है।

गरीमा दसौनी ने कहा कि यूसीसी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर समाज के सभी वर्गों से चर्चा और सुझाव लेना आवश्यक है। उन्होंने सरकार पर जनता की राय को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और कहा कि किसी भी कानून को लागू करने से पहले उसकी व्यवहारिकता और प्रभाव का अध्ययन जरूरी है.

वहीं, भाजपा के प्रवक्ता कमलेश रमन ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पर “दोहरा चरित्र” अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने कभी भी उत्तराखंड के हित में काम नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि यदि यूसीसी में खामियां हैं तो वे अपनी आपत्तियां और सुझाव स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करें।

कमलेश रमन ने कहा कि यूसीसी के लागू होने से उत्तराखंड की जनता को लाभ मिलेगा और यह राज्य के सामाजिक ढांचे को मजबूत करेगा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह प्रदेश की जनता के हित में उठाए गए किसी भी कदम का समर्थन नहीं करती।

इस विषय पर कांग्रेस और भाजपा के बीच तकरार बढ़ने की संभावना है, जबकि राज्य में यूसीसी लागू करने को लेकर जनता और विशेषज्ञों के विचार विभाजित हैं।

 

#UCCPolitics #CongressVsBJP #UniformCivilCode #UttarakhandPolitics #GovindSinghKunjwal #GarimaDasoni #KamleshRaman #PoliticalDebate #UCCImplementation #PublicOpinion #PoliticalTension #UttarakhandNews