Uttarakhand, Bhawan Singh of Bageshwar created a new identity in kiwi farming: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के सामा गाँव में रहने वाले 72 वर्षीय भवान सिंह से, जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कीवी की खेती में नई पहचान बनाई।
भवान सिंह ने 2009 में हेड मास्टर की नौकरी से रिटायर होने के बाद खाली बैठने की बजाय कुछ नया करने का फैसला किया। उन्होंने धीरे-धीरे 600 कीवी के पौधे लगाए और अपनी खेती की शुरुआत की। उनकी मेहनत और लगन का परिणाम आज यह है कि हर साल उन्हें 100-115 क्विंटल कीवी की उपज मिलती है और वह करीब 10 लाख रुपए तक की कमाई कर लेते हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, भवान सिंह ने अपनी नर्सरी भी शुरू की है, जिससे उन्हें और अधिक आय हो रही है। उनका कहना है कि खाली बैठना उनके लिए सजा जैसा है, इसलिए वह हमेशा सक्रिय रहते हैं और कुछ नया करते रहते हैं।
भवान सिंह की यह कहानी हमें सिखाती है कि उम्र कोई बाधा नहीं है अगर हम मेहनत और लगन से अपने सपनों को पूरा करने की ठान लें। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने जीवन में कुछ नया और बड़ा करना चाहता है।
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