रूड़की में ड्रग्स विभाग और देहरादून से आई एसटीएफ की टीम द्वारा एक बंद पड़ी दवाई फैक्ट्री में छापेमारी की कार्रवाई की गई है। टीम को फैक्ट्री से भारी मात्रा में दवाइयां मिली हैं। बताया गया है कि पांच वर्ष पूर्व भी इस फैक्ट्री में टीम द्वारा कार्रवाई की गई थी और फैक्ट्री को सील कर दिया गया था। वहीं ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती का कहना है कि जांच की जा रही है और जांच के बाद लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाई की जाएगी।
जिला हरिद्वार नकली दवाई बनाने का अड्डा बन चुका है हालांकि रुडकी क्षेत्र में ड्रग्स विभाग की टीम और एसटीएफ देहरादून की टीम लगातार नकली दवाइयां बनाने वाली फैक्ट्रियों पर कार्यवाई करती रहती है बावजूद इसके नकली दवाई बनाने वाले फैक्ट्री संचालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। न तो उन्हें जेल जाने का डर है और न ही आम जनता की जान से खिलवाड़ का। वहीं रूड़की में एसटीएफ और ड्रग विभाग की टीम ने एक बंद पड़ी दवाई फैक्ट्री में छापेमारी की है। टीम की इस छापेमारी से आसपास में मौजूद अन्य दवाई फैक्ट्री संचालकों में हड़कंप मच गया। वहीं टीम को फैक्ट्री के अंदर बनाई जा रही भारी मात्रा में अलग-अलग कंपनियों की दवाइयां टीम को मौके पर मिली हैं।
टीम ने सभी दवाइयों को अपने कब्जे में लेकर जब्त कर लिया है। वहीं पिछले काफी समय से बिना लाइसेंस बंद पड़ी फार्मा फैक्ट्री में फैक्ट्री मालिक द्वारा मजदूरों से जीवन रक्षक दवाइयां बनवाई जा रही थी। फैक्ट्री मालिक के खिलाफ ड्रग विभाग द्वारा तकरीबन 5 साल पहले भी दवाइयों में मिलावट करने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। हरिद्वार ड्रग्स इंस्पेक्टर अनिता भारती का कहना है कि दवाइयों के सैम्पल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संचालक के पास भले ही लाइसेंस है लेकिन नियमों के विरुद्ध दवाइयों का प्रोडक्शन किया जा रहा था।