गृह मंत्रालय,भारत सरकार के तत्वाधान में 75 वें गणतंत्र दिवस, 2024 के अवसर पर राजपथ, नई दिल्ली में आयोजित “वाईब्रेण्ट विलेज प्रोग्राम” में आईटीबीपी के सहयोग से उत्तराखण्ड के नीति एवं माणा वेली में स्थित सीमावर्ती गाँवों के ग्राम प्रधानों (सरपंचों) को राजपथ पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल किया गया। कार्यक्रम में शामिल होने के उपरान्त आज आईटीबीपी के गौचर कैम्प में अतुल कुमार थवाईत द्वितीय कमान कार्यालयाध्यक्ष, 8वीं बटालियन,आईटीबीपी के द्वारा वापसी में गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
   वाईब्रेण्ट विलेज प्रोग्राम के संदर्भ में अतुल कुमार यवाईत, द्वितीय कमान,ने बाताया कि आईटीबीपी के सह-संयोजन से उक्त कार्यक्रम में सीमावर्ती गाँव के 12 पुरुष,13 महिला एवं 04 बच्चों सहित कुल 29 ग्राम प्रधानों/प्रतिनिधियों के द्वारा भाग लिया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों का व्यापक स्तर पर विकास करना है ताकि लोगों के जीवन स्तर में अपेक्षित सुधार करते हुए, इनको देश की मुख्यधारा से जोड़ना है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र से पलायन की समस्या को रोका जा सकें। उक्त कार्यक्रम में सीमावर्ती क्षेत्र में कृषि, बागवानी, पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के माध्यम से आजीविका सृजन के अवसर पैदा करने योग्य क्षेत्रों की परिकल्पना की गई है। उक्त के अतिरिक्त लोगों में हमारी संस्कृति हमारी विरासत की भावना का विकास करने का प्रयास किया गया ताकि लोग अपनी संस्कृति को अपनी विरासत मानते हुए लोगों में मातृभूमि प्रेम प्रज्वलित होता रहे।
   ग्राम प्रधानों को मुख्य धारा में जोड़ने के आश्य से भा.ति.सी.पु बल के द्वारा प्रधानमंत्री संग्रहालय (त्रिमूर्ति भवन) तथा हुमायूँ मकबरा में भ्रमण करवाया तथा सीमा सुरक्षा बल के निजामुद्दीन स्थित कैम्प परिसर में अमित शाह, गृह मंत्री, भारत सरकार के द्वारा गाम प्रधानों से वार्तालाप किया गया। तथा अपने संबोधन के माध्यम से बताया कि सीमावर्ती गांवों को विकसित किये बगैर एक विकसित भारत का निर्माण नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गाँव अंतिम नहीं, बल्कि देश के प्रथम गाँव है। सभी ग्राम प्रधान के द्वारा राजपथ पर आयोजित 75 वें गणतंत्र दिवस परेड़ में भी हिस्सा लिया गया तथा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी रूबरू हुए। बता दें कि आईटीबीपी के द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास व मुख्यधारा में जोड़ने हेतु समय-समय पर “सिविक एक्शन प्रोग्राम” के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे है।