Alert : वायु प्रदूषण का सबसे खतरनाक नुकसान फेफड़ों पर माना जाता है, लेकिन डॉक्टर के मुताबिक अब प्रदूषण के साइड इफेक्ट्स गंभीर रूप ले चुके हैं. अब प्रदूषण फेफड़ों से ज्यादा बाकी अंगों को भी डैमेज कर रहा है.
वायु प्रदूषण अब सांस की बीमारियों जैसे निमोनिया, छाती में इन्फेक्शन, सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़) के दायरे से आगे बढ़कर लोगों को कहीं अधिक प्रभावित कर रहा है. इसके चलते गर्भवती महिलाएं जोखिम पर हैं, युवा पीढ़ी में इंफर्टिलिटी, हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है और फेफड़ों की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
Alert : प्रदूषण से बढ़ा इंफर्टिलिटी का खतरा-
बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से कई खतरनाक समस्याएं पैदा हो रही हैं, जिसमें महिला और पुरुष में इंफर्टिलिटी की समस्या भी शामिल है. महानगरों में रहने वाले लोगों में इंफर्टिलिटी की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिसका बड़ा कारण प्रदूषण है. प्रदूषण में रहने के कारण पुरुष और महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम हो रही है.
विशेषज्ञों के अनुसार, वायु प्रदूषण के खराब प्रभावों से शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में 30 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है. पॉल्यूशन से पुरुषों में स्पर्म काउंट में लगातार कम होती जा रही है. इसका निर्माण अंडाशय में होता है.
पर्टिकुलेट मैटर 2.5 अपने साथ पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन लिए होते हैं. इसमें सीसा, कैडमियम और पारा होते हैं, जो हार्मोन के संतुलन को प्रभावित करते हैं और पुरुषों के स्पर्म के लिए हानिकारक होते हैं. एस्ट्रोजन महिलाओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण हार्मोन है.
Alert : ये समस्याएं भी बन रही हैं परेशानी-
डॉ. ने बताया कि प्रदूषित हवा के कारण आंखों में खुजली और स्मॉग का सांसों के साथ भीतर जाना आपको भारी नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि आपको पता भी नहीं चलता कि कब आप ने सांसों के साथ जहरीली हवा अपने भीतर ले ली और उसने खून में मिलकर जानलेवा रूप ले लिया
हाल ही में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. कई अध्ययनों के अनुसार वायु प्रदूषण इसका एक मुख्य कारण है. शोधकर्ताओं के मुताबिक वायु प्रदूषण धमनियों और शिराओं (आर्टरीज़ एवं वेन्स) को ब्लॉक करता है, जिससे रक्त का प्रवाह कम होता है और व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार हो जाता है. बहुत अधिक मात्रा में प्रदूषकों में सांस लेने से ब्लड क्लॉट भी बन जाते हैं.
वैज्ञानिकों के अनुसार वायु प्रदूषण का असर लड़कों में आगे चलकर शुक्राणुओं की संख्या पर पड़ता है. वहीं अनुसंधान के मुताबिक, धुआं या कालिख गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में गर्भ तक पहुंच कर बच्चे के लिवर, फेफड़ों और दिमाग को भी नुकसान पहुंचाती है.
Alert : एयर पॉल्यूशन से हार्ट को कैसे बचाएं?
डॉ. के मुताबिक हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए लोगों को पॉल्यूशन से बचने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना चाहिए और बाहर निकलते वक्त मास्क जरूर लगाना चाहिए. पेड़ों के आसपास समय बिताना चाहिए.
इसके अलावा सबसे जरूरी बात यह है कि स्मोकिंग बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. पॉल्यूशन के दौरान स्मोकिंग करना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. खासतौर से ज्यादा उम्र के लोगों को स्मोकिंग और अनहेल्दी लाइफस्टाइल से पूरी तरह दूरी बना लेनी चाहिए.
Alert : वायु प्रदूषण से कैसे बचें?
1- अच्छी डाइट लें- किसी भी तरह के प्रदूषण या संक्रमण से बचने के लिए हेल्दी डाइट लें. इससे इम्यूनिटी मजबूत होगी और आपका शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम होगा.
डाइट में विटामिन और मिनरल से भरपूर चीजें शामिल करें. इससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है. खाने में भरपूर हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज शामिल करें. गुनगुना पानी और भरपूर मात्रा में पानी पिएं.
2- व्यायाम करें- स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम जरूरी है. अगर आपको शरीर को हेल्दी बनाना है और रक्त से विषाक्त पदार्थों को निकालना है तो व्यायाम की आदत बना लें.
इससे शरीर में ब्लड फ्लो अच्छा रहता है और हार्ट हेल्दी रहता है. व्यायाम ऐसी जगह करें जहां नैचुरल एयर हो. अगर बाहर प्रदूषण ज्यादा है तो घर में रहकर ही व्यायाम करें.
3- स्वस्थ आदतें अपनाएं- ऐसी आदतों से दूरी बनाकर रखें जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक हैं. प्रदूषण ज्यादा होने पर घर में ही रहें और घर से बाहर निकलें तो मास्क पहनें. स्मोकिंग और ड्रिंक न करें. कोशिश करें कम से कम पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें. साइकिल चलाएं.
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