प्रदेश में चार जल्द नए सैनिक स्कूल और पांच केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे। मुख्यमंत्री धामी के अनुमोदन के बाद शासन ने केंद्र सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो प्रसिद्ध पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के जन्म स्थान पीठसैंण पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और चंपावत में नए सैनिक स्कूल खुलेंगे। नए स्कूल, सैनिक स्कूल सोसायटी के तहत साझेदारी मोड में चलेंगे।

राज्य में केवल एक सैनिक स्कूल

बता दें कि प्रदेश में अभी मात्र एक सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में है। जिसका संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के मुताबिक केंद्र सरकार ने देशभर में 100 सैनिक स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत केंद्र सरकार ने पहले चरण में देश में 23 नए सैनिक स्कूल को मंजूरी दे दी है। इसके बाद दूसरे चरण में सैनिक स्कूल को मंजूरी दी जानी है।

सुभाष चंद्र बोस छात्रावास का भी किया जाएगा निर्माण
उत्तराखंड की ओर से दूसरे चरण के लिए चार नए सैनिक स्कूल का प्रस्ताव भेजा गया है। सभी मानकों को पूरा करने एवं मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के बाद इसका प्रस्ताव भेजा गया है। सैनिक स्कूल के लिए ग्राम डुंगरासेठी तहसील चंपावत में 10 एकड़ भूमि उपलब्ध है। जबकि एएन झा इंटर काॅलेज रुद्रपुर ऊधमसिंह नगर में 250 एकड़ एवं राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा देहरादून में 9.5 एकड़ भूमि उपलब्ध है।

सैनिक स्कूल के लिए जमीन दान को तैयार स्थानीय 

शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत के मुताबिक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के जन्म स्थान पीठसैंण पौड़ी गढ़वाल में स्थानीय लोग सैनिक स्कूल के लिए जमीन दान में देने के लिए तैयार हैं। पीठसैंण में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रसिंह गढ़वाली का स्मारक बनाए जाने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास का भी निर्माण किया जाएगा।

यहां खुलेंगे केंद्रीय विद्यालय

प्रदेश में पांच नए केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे। शिक्षा विभाग ने पाण्डुवाखाल तहसील चौखुटिया जिला अल्मोड़ा, द्वाराहाट जिला अल्मोड़ा, कोटद्वारा जिला पौड़ी गढ़वाल, नरेंद्रनगर जिला टिहरी गढ़वाल एवं विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर के मदननेगी जिला टिहरी गढ़वाल में केंद्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।

10 करोड़ खर्च किए पर नहीं बना स्कूल

रुद्रप्रयाग जिले में सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई साल से चल रही है। इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सैनिक कल्याण और शिक्षा विभाग के बीच तालमेल की कमी के चलते स्कूल भवन के निर्माण का मामला पिछले काफी समय से लटका है। स्कूल के लिए उपनल एवं अन्य से 10 करोड़ रुपये मंजूर कर उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को इसका काम सौंपा गया था, लेकिन निगम ने यह धनराशि बाउंड्रीवाल और रास्ता बनाने में ही खर्च कर दी।