उत्तराखंड में आसमानी आफत बरस रही है। पहाड़ों में भूस्खलन तो मैदान में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। नदियां उफान पर है। जिससे सरकार और प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गए हैं। इस बीच, मौसम विभाग ने उत्तराखंड के लिए अगले तीन दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
सात साल का रिकॉर्ड टूटा
बीते दो दिन से राजधानी दून में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने सात साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अधिकतम तापमान में भी तीन डिग्री कमी दर्ज की गई है। 24 घंटे के आंकड़ों पर नजर डालें तो देहरादून में 118 एमएम बारिश हुई। जबकि, वर्ष 2015 में यह आंकड़ा 114.7 एमएम दर्ज किया गया था। मौसम विभाग की ओर से मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक लिए गए 24 घंटे के आंकड़ों के अनुसार दून में 450 फीसदी अधिक बारिश हुई। मानसून में इस दिन सामान्य 21.5 एमएम की बारिश होती है। जबकि, हरिद्वार जिले में सबसे अधिक 154.2 एमएम और सबसे कम अल्मोड़ा जिले में 2.6 एमएम बारिश हुई। वहीं, बारिश से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। इनमें सैकड़ों लोग अपने ही घरों में कैद हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने इन घरों से 100 से अधिक लोगों को बाहर निकाला।
1500 से अधिक सड़कें हुईं बंद
एक जुलाई से अब तक प्रदेश में सामान्य से सात प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। इसका सीधा असर सड़कों पर भी पड़ा है। भारी बारिश के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और दूसरे अन्य कारणों से अब तक 1500 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं, जबकि पिछले वर्ष जुलाई के अंत तक यह आंकड़ा मात्र 1400 पहुंचा था। बता दें कि पहले से चिह्नित भूस्खलन क्षेत्रों के अलावा हर साल नए क्रॉनिक जोन विकसित हो रहे हैं, जो सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं। लोनिवि की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक कुल 1,508 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इनमें 1,120 सड़कें लोनिवि, सात एनएच और 381 पीएमजीएसवाई की हैं। इनमें से अब तक 1,235 सड़कों को खोला जा चुका है, जबकि 273 अब भी बंद हैं।