संभल जिले में एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां के लोहावई गांव में एक दलित दुल्हा घोड़ी चढ़ा, मगर धूमधाम से बारात निकालने के लिए लगभग 60 पुलिसकर्मियों की जरूरत पड़ी.

दलअसल, थाना जुनावई इलाके के गांव लोहावई में रहने वाले दलित बेटी के पिता ने सम्भल एसपी चक्रेश मिश्र को एक शिकायत पत्र भेजा था. पत्र में राजू वाल्मिकी ने लिखा कि गांव में सवर्ण समाज के लोग दलित बेटे या बेटी की बारात नहीं चढ़ने देते. यह परंपरा देश की आजादी के बाद भी खत्म नहीं हुई. अब उसकी बेटी रवीना की बारात बदायूं जनपद से आ रही है, और वह चाहता है कि बारात गांव में घोड़े- बाजे के साथ निकले. लोहावई एक सवर्ण बाहुल्य गांव है और यहां ऊंची जाति के लोग कभी भी दलित परिवार की शादी धूमधाम से नहीं होने देते.

गांव को छावनी में बदला

शिकायत पत्र मिलते ही एसपी चक्रेश मिश्र ने पुलिस को निर्देश दिए और गांव को छावनी में तब्दील कर दिया. एसपी के निर्देश अनुसार करीब 5 दर्जन पुलिसकर्मी, सीओ और दरोगा सहित गांव में पहुंच गए. आदेश अनुसार गन्नौर के क्षेत्र अधिकारी आलोक सिद्धू, थाना जुनावई प्रभारी पुष्कर मेहरा और पथरिया चौकी प्रभारी लोकेंद्र कुमार त्यागी सहित उप निरीक्षक और महिला कांस्टेबल सहित 60 पुलिसकर्मी पूरे गांव में चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे. इस दौरान वाल्मीकि समाज की बेटी की बारात पुलिस की देखरेख में में शांतिपूर्वक निकाली गई.

फिलहाल गांव का वाल्मीकि समाज खुश है और पुलिस प्रशासन का धन्यवाद करता नहीं थक रहा है.

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