हिंदूओं के पवित्र धार्मिक स्थल विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट आज शनिवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. मंदिर को सुंदर तरीके से फूलों द्वारा सजाया गया. कपाट बंद होने से पहले बदरीनाथ धाम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहंचे.

बताते चलें कि 2020 और 2021 में कोरोना के चलते काफी कम संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. कपाटबंदी के बाद अब शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर व जोशीमठ में श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे. इस बार बदरीनाथ धाम में रिकार्ड 17.47 लाख श्रद्धालु पहुंचे.

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3 बजकर 35 मिनट पर बंद हुए कपाट

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि माणा गांव के महिला मंडल द्वारा बुने गए ऊन के घृत कंबल को भगवान बदरी विशाल को ओढ़ाकर शाम 3 बजकर 35 मिनट पर धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए.

 

यहां होंगी शीतकालीन पूजाएं

मीडिया प्रभारी ने बताया कि 20 नवंबर प्रात: श्री उद्धव जी व श्री कुबेर जी की डोली श्री बदरीनाथ धाम से श्री योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी. साथ में रावल व आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी भी योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी. श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी शीतकाल में श्री योग बदरी पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे, जबकि 20 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के पश्चात 21 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी. इसके पश्चात योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं आयोजित होगी.

 

रिकार्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंचे बदरीनाथ

इस वर्ष यात्रा काल में बदरीनाथ धाम के 17,53,000 तीर्थयात्री ने दर्शन किए. इस बार बदरीनाथ धाम में यात्रियों की संख्या का भी रिकार्ड टूटा है. गौरतलब है कि वर्ष 2019 में सर्वाधिक 12,40,929 तीर्थ यात्री पहुंचे थे.

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