किरण कांत शर्मा
राज्य सरकार का इससे कोई लेना-देना सीधे तौर पर नहीं है लेकिन यह उत्तराखंड के खेलों का दुर्भाग्य ही है कि वेस्टइंडीज जैसे विश्व चैंपियन रहे खिलाड़ियों को स्टेडियम तक लाने के लिए हमारे पास एक वोल्वो तक नहीं है हमने आज देखा वेस्टइंडीज के और दूसरी टीमों के खिलाड़ी टेंपो ट्रेवल में होटल से स्टेडियम पहुंचे थे हो सकता है कि सुरक्षा के लिहाज से इन्हें कोई खतरा ना हो लेकिन उत्तराखंड आए अतिथियों का हम ऐसे स्वागत कर रहे हैं तो स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के ऊपर सवाल खड़े होने लाजमी है वैसे एक बात और है कि यह प्राइवेट इवेंट है और हमारी उत्तराखंड सरकार की पुलिस ने इन्हें सुरक्षा पूरी तरह से मुहैया कराई है जबकि यह जहां भी मैच खेल रहे हैं
वहां की पुलिस को और नजर हो सकता है कुछ ना कुछ सुरक्षा के लिहाज से पेमेंट जरूर कर रहे हो जो मापदंड है लेकिन हमारे यहां 13 सौ से अधिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी इस दौरान लगाई गई है मैं फिर उसी बात पर आता हूं कि विश्व के बड़े खिलाड़ी हमारे यहां होटल से स्टेडियम तक टेंपो ट्रेवल में आए हैं जबकि एक राजस्व का कानून गो फर्राटे भर्ती हुई फॉर्च्यूनर में जगह को नापने के लिए आता है हालांकि वेस्टइंडीज टीम के मैनेजर और खिलाड़ियों से जब हमारी बात हुई तो इतने सीधे इंसान हैं इतने प्यारे इंसान हैं कि उन्होंने उत्तराखंड और खासकर देहरादून की तारीखों में जो कसीदे पढ़े हैं उनकी सोशल मीडिया हैंडल पर उनके पोस्ट गवाही दे रहे हैं कि उन्होंने हमारे उत्तराखंड को कितना प्यार दिया है सिर्फ प्रैक्टिस सेशन के बात है