फीस न होने के कारण जिस छात्र को एक समय में अपनी पढ़ाई छोड़नी पढ़ रही थी, आज वही बालक पौड़ी शहर में 12 वीं की टॉपर बना है। उसने साबित कर दिया है कि अगर पढ़ने की लगन हो तो गरीबी किसी के आढ़े नहीं आ सकती। आवश्यकता है तो बस मेहनत व उचित मार्गदर्शन की।
96 प्रतिशत अंक लाकर शहर में 12 वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले सावन चमोला आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण दसवीं के बाद निजी स्कूल की पढ़ाई छोड़ अपने गांव जाकर सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाला था । लेकिन विद्यालय के प्रधानाचार्य दामोदर मंमगाई जी ने सावन की फीस माफ करने के साथ ही किताबें व ड्रेस भी निशुल्क उपलब्ध करवा दीं।
अब सावन के शहर भर में टॉप करने पर विद्यालय परिवार ने उसे अपने विद्यालय का गौरव बताया है। बीआर मार्डन पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य दामोदर मंमगाई जी ने बताया कि सावन के पिता जम्मू कश्मीर में रह कर प्राइवेट नौकरी करते थे। लेकिन कोविडकाल में नौकरी चली जाने के कारण उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल में जारी रखने में अपनी असमर्थता जताई। उन्होंने विद्यालय से टीसी लेकर बेटे का दाखिला सबधरखाल के सरकारी इंटर कालेज में करने का निर्णय ले लिया था।
जब प्रधानाचार्य दामोदर मंमगाई जी को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने सावन की आगे की पूरी पढ़ाई की फीस माफ करने के साथ ही उसे किताबें व अन्य सामाग्री निशुल्क देने का निर्णय लिया। जिसके बाद उसकी पढ़ाई बीआर मार्डन पब्लिक स्कूल में ही जारी रही। अब बारहवीं की परीक्षा में उसने स्कूल के साथ ही शहर भर में टॉप किया है। अपनी मेहनत व लगन तथा गुरुजनों से मिले सहयोग के बलबूते आज उसने अपनी भविष्य की राह आसान कर ली है।