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आए दिन लोगों से ठगी का शिकार हो रहे हैं. ऑनलाइन साइबर क्राइम बढ़ गया है.ठग ठगी के नए नए तरीके निकाल रहे है. ठगों ने लोगों को ठगने का एक और नया तरीका निकाल लिया है  वो है सेना की वर्दी..जी हां सेना का हर कोई सम्मान करता है और उनपर पूरा भरोसा करता है और ठग अब सेना की वर्दी का सहारा ले रहे हैं और जालसादी कर रहे हैं. ताजा मामला गोरखपुर के साइबर थाने पर आया है। जालसाज ने सेना वर्दी पहनकर कुशीनगर के एक व्यक्ति को कॉल किया और उससे 95 हजार रुपये ठग लिए।

कुशीनगर जिले हाटा के रहने वाले डा. प्रदीप शर्मा के पास दो दिन पहले एक फोन आया जिसने सेना की वर्दी पहनी हुई थी। आरोप है कि उसने खुद को बीएसएफ का कमांडेंट बताया और कहा कि वह कुशीनगर एयरपोर्ट पर है। उसके साथ सेना के 25 जवान हैं। भरोसा दिलाने के लिए उसने अपना आईडी, पैन कार्ड वाट्सएप के जरिए डॉक्टर को भेजा। डाक्टर ने विश्वास कर लिया. ठग के कहा कि उनके खआते हमें 100 रुपये भेजो को उनके खआते में 200 रुपये क्रेडिट हो जाएंगे। उन्होंने जालसाज के खाते में 100 रुपये भेजे। जालसाज ने उनके खाते में 200 रुपये भेज दिया।

जालसाज ने एक मरीज के उपचार पर खर्च हुए रुपये और फीस की पूरी जानकारी पूछी। डाक्टर ने बताया कि कुल 95 हजार रुपये हुए। जालसाज ने कहा कि वह रकम आप मेरे खाते में भेजिए। आपके पैसे दोगुन कर दूंगा। जैसे ही ठग को रुपये भेजे, उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया. डॉक्टर दंग रह गया.

सावधान रहे, ये ना करें

ऐसी काल को अटेंड न करें।

कालर से डरने की जरूरत नहीं है।

ट्रू कालर के नंबर पर भरोसा न करें। यदि ट्रू कालर पर यदि किसी का नंबर सेना या सीबीआइ अधिकारी अथवा कुछ और लिखकर आता है तो भरोसा करने की जरूरत नहीं है।

यदि कोई रकम दूनी करने का झांसा दे रहा है तो उसके भरोसे में न आएं।

क्या करें

यदि कोई सेना का अधिकारी अथवा सीबीआइ अधिकारी बनकर ठगी का प्रयास करता है तो तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें।

कालर के नंबर को साइबर सेफ पोर्टल से चेक करें। इस पर चेक करने पता चलेगा कि नंबर किसी फ्राड का है अथवा वास्तविक व्यक्ति का है। तुरंत 1930 पर सूचना दें।