UTTARAKHAND NEWS
आए दिन हम अपने दोस्तों और परिवार के साथ लंच डिनर पर जाते हैं. खाने पीने के बिल के साथ जीएसटी और सर्विस का चार्ज भी हमसे लिया जाता है लेकिन अब सरकार ने बड़ा फैसला सुनया है. जी हां बता दें कि कोई भी होटल या रेस्टोरेंट भोजन बिल पर जबरदस्ती सर्विस चार्ज नहीं ले सकता है। इसको लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को सख्त नियम जारी किए हैं।
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मंत्रालय ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा कि कोई भी होटल या रेस्टोरेंट संचालक ग्राहक से सर्विस चार्ज नहीं ले सकता है। कहा कि खाने के बिल के साथ जोड़कर और कुल अमाउंट पर जीएसटी लगाकर सेवा शुल्क नहीं ली जाएगी. मंत्रालय के आदेश के बाद केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने होटल और रेस्तरांओं को खाने के बिल में ऑटोमैटिक रूप से लगने वाला सेवा शुल्क जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया है। यानी अब आपके खाने के बिल पर लगने वाले सर्विस चार्ज अपने आप ऐड होकर नहीं आएगा। उपभोक्ता इस तरह के किसी उल्लंघन की शिकायत कर सकेंगे।
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किसी अन्य नाम से भी सेवा शुल्क नहीं वसूला जाएगा
इसकी कई शिकायतें आ रही थी जिसके बाद ये फैसला लिया गया है। निर्देश के अनुसार कोई भी होटल या रेस्टोरेंट संचालक बिल में अपने-आप सेवा शुल्क नहीं जोड़ेंगे। साथ ही किसी अन्य नाम से भी सेवा शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इसमें कहा गया है कि कोई भी होटल या रेस्तरां ग्राहकों को सेवा शुल्क देने के लिये बाध्य नहीं कर सकता। ग्राहक चाहे तो सेवा शुल्क दे सकते हैं। यह पूरी तरह से ग्राहक की खुद की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वो चार्ज देना चाहता है कि नहीं।
इसके अलावा, सेवा शुल्क को खाने के बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर जीएसटी लगाकर एकत्र नहीं किया जा सकता है। अगर होटल या रेस्तरां संचालक ऐसा करते हैं तो नियम के अनुसार आप उसे हटाने का अनुरोध कर सकते हैं और अगर तब भी ना मानें तो आप हेल्पलाइन नंबर 1915 पर कॉल करके शिकायत कर सकते हैं। वे उपभोक्ता आयोग में भी इस बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।