डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की पहचान को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में दावा किया गया है कि जो राम रहीम इन दिनों यूपी के बागपत आश्रम में है वह नकली है. कोर्ट से राम रहीम की असली पहचान उजागर करने की मांग की गई है. याचिका राम रहीम के कुछ अनुयायियों की तरफ से दायर की गई है. मामले की सुनवाई कल यानी सोमवार को होगी. याचिका में कहा गया है कि असली डेरा प्रमुख राम रहीम को अगवा कर लिया गया है. आरोप है कि राम रहीम को मार दिया गया है या फिर मार दिया जाएगा. ऐसा डेरा की गद्दी हासिल करने के लिए किया गया है. याचिका में हरियाणा सरकार, हनीप्रीति और सिरसा डेरा प्रशासक पीआर नैन को प्रतिवादी बनाया गया है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि बागपत आश्रम में जो राम रहीम रह रहे हैं  उनका हाव-भाव असली राम रहीम जैसा नहीं है. जबकि उनका कद पहले से एक इंच बड़ा है और पैर भी लंबा है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जो राम रहीम बागपत के डेरे में रह रहे हैं वह अपने पुराने दोस्तों को भी नहीं पहचान पाए.  याचिकाकर्ताओं का दावा है कि असली राम रहीम को राजस्थान के उदयपुर से अपहरण हो चुका है. इस पर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों का कहना है कि कुछ अनुयायी अपने निजी स्वार्थ के चलते डेरा सच्चा सौदा को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं. बाबा नकली हैं या असली हाई कोर्ट के सुनवाई में पता चल जाएगा.

बता दें कि गुरमीत राम रहीम 2017 में दुष्कर्म के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. पिछले महीने उसे एक महीने की पैरोल मिली थी. पैरोल पर वह इस समय जेल से बाहर है और बागपत के आश्रम में रह रहा है. इससे पहले उसे अपनी बीमार मां को देखने के लिए  भी पैरोल मिली थी.

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