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केदारनाथ धाम में सम्पादित हो रही पूजा व्यवस्थाओं को लेकर  Viral Video के सम्बन्ध में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अजेंद्र अजय ने जानकारी देते हुए बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल कथित वीडियो वर्ष 2020 का है, जब COVID19 का प्रभाव चरम पर था।

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श्री अजेंद्र अजय ने कहा कि वर्ष 2020 में पूजा/दर्शन आदि हेतु SOP शासन द्वारा जारी की गयी थी, जिसके अनुपालन में किसी भी प्रकार से मन्दिरों में जलाभिषेक, पूजाएं करना, प्रसाद चढाना, टीका आदि लगाना प्रतिबन्धित था। इसी SOP के तहत धाम में आने वाले यात्रियों को दर्शन की अनुमति थी।

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परम्परानुसार श्री केदारनाथ के कपाट प्रातः काल में खुलने एवं सायं काल में कपाट बन्द होने का समय निश्चित है। सामान्यतः प्रातः काल में मन्दिर खुलने के बाद सभी श्रद्वालुओं को दर्शन (धर्म-दर्शन) उपलब्ध कराये जाते हैं, जिसमें किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।

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उन्होंने कहा कि महाभिषेक, रूद्राभिषेक, इत्यादि पूजाएं पूजा सम्पादित करवाना बाध्यकारी नहीं होती हैं, जो श्रद्धालु स्वेच्छा से पूजा, अर्चना एवं पाठ सम्पादित करवाना चाहते हैं, उन्हें ही प्राथमिकता दी जाती है,

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जिसका सम्पादन मन्दिर समिति के आचार्य एवं वेदपाठीगण करते है। पूजा की उक्त व्यवस्था वर्ष 1939 श्री श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर के गठन से चली आ रही है, वरन् इससे पूर्व जब रावल व्यवस्था कायम थी तब से यह परम्परा/व्यवस्था चली आ रही है। श्रद्धालुओं द्वारा स्वेच्छा से धनराशि दान पात्रों में धनराशि अर्पित की जाती है।