17 सितम्बर से लेकर महात्मा गांधी के जन्मदिन (02 अक्टूबर) तक उत्तराखंड में ‘स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार’ अभियान स्वास्थ्य की एक नई संस्कृति गढ़ रहा है। ये केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि एक जनआंदोलन बन चुका है, जिसमें हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी देखी जा रही है।

स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार के तहत लोग हो रहे लाभान्वित

स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार के तहत लोग स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़ों के अनुसार, महज दस दिनों में 7.65 लाख से अधिक लोग विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं। उत्तराखंड के सभी जिलों में स्वास्थ्य शिविरों के ज़रिये अधिक से अधिक नागरिकों तक जांच, उपचार और परामर्श की सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। 17 से 26 सितम्बर तक आयोजित शिविरों में कुल 7,65,403 लाभार्थी पंजीकृत हुए हैं।

गैर-संचारी रोगों की व्यापक स्क्रीनिंग

स्वास्थ्य शिविरों में अब तक 3,58,513 लोगों की हाई ब्लड प्रेशर जांच, 3,37,021 लोगों की डायबिटीज जांच और 3,15,530 लोगों की कैंसर (मुख, सर्वाइकल व ब्रेस्ट) जांच की गई। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के नागरिक इन सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए एएनसी जांच में 66,051 महिलाओं को लाभ मिला है। 1,31,990 महिलाओं की एनीमिया जांच की गई। साथ ही बच्चों को 1,12,229 टीकों की डोज दी गई, जिससे मातृ-शिशु स्वास्थ्य और मजबूत हुआ।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा इस अभियान के माध्यम से लाखों लोगों तक जांच, उपचार और परामर्श की सुविधाएं पहुंचाई गई हैं। विभाग ने गैर-संचारी रोगों, मातृ-शिशु स्वास्थ्य और टीबी जैसी गंभीर बीमारियों की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया है। हम चाहेंगे कि अधिक से अधिक लोग इन शिविरों में पहुंचकर लाभ उठाएं और स्वस्थ उत्तराखंड के निर्माण में सहभागी बनें।