देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 3848 लाभार्थियों के बैंक खातों में 33.22 करोड़ रुपये की धनराशि का ऑनलाइन माध्यम से वितरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि उत्तराखंड का युवा नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना राज्य की उन प्रमुख योजनाओं में से एक है, जिसने वास्तविक रूप से पलायन को रोकने, रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान राज्य में लौटे प्रवासी, युवा उद्यमी, कारीगर, हस्तशिल्पी और शिक्षित बेरोजगार इस योजना के प्रमुख लाभार्थी हैं।
योजना के अंतर्गत राज्य के मूल और स्थायी निवासियों को विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार क्षेत्र में राष्ट्रीयकृत, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। विनिर्माण इकाइयों के लिए 25 लाख रुपये तक और सेवा एवं व्यापार इकाइयों के लिए 10 लाख रुपये तक की परियोजना लागत अनुमन्य है। इसके साथ ही परियोजना लागत का 15 से 25 प्रतिशत तक अनुदान (सब्सिडी) के रूप में प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के तहत लगभग 32 हजार लाभार्थियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, जबकि अब तक 35 हजार से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो चुके हैं। योजना के अंतर्गत अब तक 1,389 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरण किया गया है, जिससे करीब 64,966 नए रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह आंकड़े प्रमाण हैं कि योजना केवल कागजों तक सीमित नहीं, बल्कि धरातल पर प्रभावी रूप से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सब्सिडी की राशि ऑनलाइन माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है, जो सरकार की पारदर्शी, तकनीक-आधारित और भ्रष्टाचार-मुक्त कार्यप्रणाली को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना आत्मनिर्भर उत्तराखंड की मजबूत नींव है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में डबल इंजन सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
