Haridwar: उत्तराखंड(Uttarakhand) में पलायन की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. यह पलायन पर्वतीय ही नहीं मैदानी स्तर पर भी देखने को मिल रहा है. हालांकि मैदानी क्षेत्रों में यह अस्थाई है. यह खुलासा हुआ है ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग(Rural Development and Migration Prevention Commission) की हरिद्वार(Haridwar) जिले पर आई रिपोर्ट से. रिपोर्ट के अनुसार एक दशक में हरिद्वार के नगरीय क्षेत्रों में 55 प्रतिशत आबादी बढ़ी.

आयोग का मानना है कि इसमें बहुत बड़ी संख्या उन लोगों की है जो रोजगार के लिए अस्थायी रूप से गांव छोड़ शहरों में आ गए हैं. जिले में बेरोजगारी के साथ सिमटती कृषि जोत, बदहाल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पलायन का प्रमुख कारण हैं. आयोग ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

पलायन के कारण

आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं का अस्थायी रूप से पलायन फैक्टरियों एवं आस-पास के शहरों में रोजगार के लिए हो रहा है. अच्छी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में भी पलायन हो रहा है. वर्ष 2008 से वर्ष 2018 के मध्य जिले की कुल 153 ग्राम पंचायतों में 8168 व्यक्तियों ने अस्थायी पलायन किया है.

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बहादराबाद में सबसे ज्यादा तो नारसन में सबसे कम पलायन

सबसे अधिक बहादराबाद ब्लाक की 46 ग्राम पंचायतों में 3091 व्यक्तियों और सबसे कम नारसन ब्लाक की छह ग्राम पंचायतों में 111 व्यक्तियों ने अस्थायी पलायन किया है. इसके अलावा लक्सर व खानपुर ब्लाक के सापेक्ष 10 ग्राम पंचायतों में 574 व्यक्तियों ने भी अस्थायी पलायन किया है. जिले में कुल 73 ग्राम पंचायतों में 1251 व्यक्तियों ने पिछले 10 सालों में स्थायी रूप से पलायन किया है. इसमें सबसे अधिक बहादराबाद ब्लाक के 27 ग्राम पंचायतों में 571 लोगों ने स्थायी पलायन किया है.

कम कृषि जोत भी पलायन का कारण

जिले में घटती कृषि जोत भी पलायन का एक बड़ा कारण बनकर सामने आई है. जिले के 70 प्रतिशत अधिक किसानों के पास दो से पांच बीघा भूमि है. ऐसे किसान आजीविका के अन्य स्रोतों की तलाश में कस्बों या जिले से बाहर पलायन कर रहे हैं. कई ब्लाकों में जंगली जानवरों से भी कृषि को नुकसान हो रहा है. नील गाय के प्रकोप से फसल नष्ट हो रही है. रिपोर्ट में वन विभाग के साथ मिलकर इसका उपाय ढूंढने की आवश्यकता पर बल दिया गया है.

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जिले में अस्थायी पलायन की स्थिति

ब्लाक      –        ग्राम पंचायत      –   लोगों की संख्या

बहादराबाद             46                        3091

रुड़की                     40                       2376

भगवानपुर               32                       1716

खानपुर                    17                        300

लक्सर                     10                        574

नारसन                     8                         111

कुल                       153                      8168

जिले में स्थायी पलायन की स्थिति

ब्लाक              ग्राम पंचायत         लोगों की संख्या

बहादराबाद          27                        571

रुड़की                 04                         39

भगवानपुर           22                        468

खानपुर                13                         142

लक्सर                 02                         03

नारसन                05                         28

कुल                    73                        1251

 

पलायन पर ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी ने बताया कि हरिद्वार जिले में पलायन पर आधारित रिपोर्ट बीते छह माह में तैयार की गई है. इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया गया है. रिपोर्ट में हरिद्वार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन को कम करने उपाय भी सुझाए गए हैं.

अब तक 12 जिलों की रिपोर्ट सौंप चुका आयोग

ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग हरिद्वार को मिलाकर अब तक 12 जिलों की रिपोर्ट सरकार को सौंप चुका है. अब एक मात्र ऊधमसिंह नगर जिला बचा है जिसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जानी है. ऊधमसिंह नगर जिले में इन दिनों सर्वे का काम जारी है. आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी की मानें तो अगले छह माह में ऊधमसिंह नगर जिले की रिपोर्ट भी सरकार को सौंप दी जाएगी.

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