भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन इस बार 9 अगस्त, यानि शनिवार के दिन मनाया जाएगा. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हर साल रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। तो वहीं भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनका पूरा जीवन रक्षा करने का वचन देते हैं। आपने अक्सर इस बात पर ध्यान दिया होगा कि बहनें राखी बांधते समय राखी की उस डोर पर 3 गांठें बांधती हैं। लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है और 3 गाठों के पीछे का क्या महत्व है।
तो आइए हम आपको बताते है, इसके पीछे की सही मान्यता-
पहली गांठ ब्रह्मा जी को समर्पित होती है, जो सृष्टि के रचयिता हैं. इससे जीवन की अच्छी शुरुआत और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।
दूसरी गांठ भगवान विष्णु को समर्पित होती है, जो जगत के पालनहार कहलाते हैं. ये भाई की रक्षा, समृआशीर्वाद देने के लिए होती है।
और तीसरी गांठ महादेव को समर्पित मानी जाती है, जो संहारक और मोक्षदाता हैं. यह गांठ बुरी शक्तियों से सुरक्षा और बुरे कर्मों से बचाव का संकेत देती है।
इसके अलावा, ये तीनों गांठें भाई और बहन के बीच प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का भी प्रतीक मानी जाती है. जब बहन ये गांठें बांधती है, तो वह न केवल अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है बल्कि उनके रिश्ते में अटूट विश्वास और प्यार की डोर भी मजबूत करती है। तो इन तीन गांठों का महत्व हमेशा याद रखना, क्योंकि ये सिर्फ धागे नहीं होते, बल्कि यह बहन की भावना और आस्था का प्रतीक होती है।