शंखनाद_INDIA/नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में रक्षा क्षेत्रों में हुए बदलाव और आत्मनिर्भरता के लिए उठाए गए कदमों का असर अब दिखाई देने लगा है। चार साल पुरानी एक भारतीय हथियार कंपनी भारतीय सेना की एके-47 असॉल्ट राइफल की एक छोटी संख्या को अपग्रेड करने के कॉन्ट्रैक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाने वाले के रूप में उभरी है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने रविवार को कहा कि इसने एक स्थापित इजरायली प्रतिद्वंद्वी को पछाड़कर छोटे हथियारों के भारतीय बाजार में पैर जमाया है। बेंगलुरू स्थित एसएसएस डिफेंस ने इजरायल के फैब डिफेंस को बाहर कर दिया है जो सामरिक उपकरण और हथियार सहायक उपकरण का उत्पादन करता है।
बंगलूरू की एसएसएस डिफेंस छोटे हथियारों व गोला-बारूद की निर्माता कंपनी है। इस कंपनी ने ही भारतीय सेना के लिए कलाश्निकोव राइफल को अपग्रेड किया था। अधिकारियों का कहना है कि यह भारतीय फर्म दक्षिणी पश्चिमी कमान की एक सेना इकाइ्र के पास 24 एके-47 राइफल को अपग्रेड करेगी। अगर यह अपडेटशन सही से हुआ तो कंपनी को और बड़े ऑर्डर भी मिल सकते हैं।
अधिकारी ने कहा कि एसएसएस डिफेंस के एके-47 रेट्रोफिट सिस्टम में टैक्टिकल फ्लैशलाइट, लेजर साइट, फ्लैश हैडर, डस्ट कवर, हैंड गार्ड और कई तरह के ग्रिप शामिल हैं। अपग्रेड एके-47 को और अधिक खतरनाक और साथ काम करने में थोड़ा आसान बना देगा। एके-47 रेट्रोफिट सिस्टम ने सेना की सटीक आवश्यकताओं को पूरा किया है. वो रूसी, रोमानियाई, बल्गेरियाई, पोलिश और चेक मूल के लोगों सहित सेना के साथ सेवा में सभी एके-47 प्लेटफार्मों पर उपयोग करने में सक्षम हैं।
सैन्य अधिकारियों का कहना है कि एके-47 भारतीय सेना का एक बुनियादी हथियार है। इस हथियार ने सेना की कई आवश्यकताओं को पूरा किया है। अधिकारियों का कहना है कि एसएसएस डिफेंस भारतीय सेना के इस हथियार को और भी ज्यादा खतरनाक और काम करने में आसान बना देगी। उन्होंने बताया कि इस अपग्रेडेशन में टेक्टिकल फ्लैशलाइट, लेजर लाइट, फ्लैश हैडर, डस्ट कवर, हैंड गार्ड व कई तरह के ग्रिप भी शामिल हैं।