राज्य में बीते कुछ दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जल संसाधन विभाग की बाढ़ नियंत्रण इकाई से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर तक 13 प्रमुख स्थानों पर जलस्तर की निगरानी की गई, जिनमें से पांच जगहों पर जलस्तर में वृद्धि, चार स्थानों पर गिरावट और शेष चार स्थानों पर स्थिरता दर्ज की गई है।
सौंग नदी का जलस्तर 337.15 मीटर पर पहुंचा
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्यनारायण क्षेत्र में सौंग नदी का जलस्तर 337.15 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि वहां खतरे की सीमा 338.20 मीटर निर्धारित है। इसी प्रकार, जोशीमठ में बहने वाली अलकनंदा नदी का जलस्तर 1375.89 मीटर रिकॉर्ड किया गया है, जो कि 1383.00 मीटर के चेतावनी स्तर के नजदीक है।
सरयू नदी का स्तर 447.80 मीटर पर
पिथौरागढ़ के चमगाढ़ इलाके में सरयू नदी का स्तर 447.80 मीटर पर पहुंचा, जबकि खतरे की सीमा 453 मीटर है। धारचूला में काली नदी 888.50 मीटर तक पहुंच चुकी है, जबकि उसकी अधिकतम सुरक्षित सीमा 890 मीटर है। वहीं, जौलजीबी में बहने वाली गौरी नदी का जलस्तर 604.25 मीटर मापा गया, जो कि चेतावनी स्तर 607.80 मीटर से थोड़ा ही कम है।
गौरी नदी 1211.65 मीटर
अन्य प्रभावित क्षेत्रों की बात करें तो मदकोट में गौरी नदी 1211.65 मीटर, चौखुटिया में रामगंगा 921.70 मीटर तक पहुंच गई है। कपकोट और बागेश्वर में सरयू नदी क्रमशः 1031 और 866.10 मीटर पर बह रही है, जबकि उनके खतरे के निशान क्रमशः 1034 व 870.70 मीटर हैं।
12 जलाशयों की स्थिति पर नजर
बागेश्वर की गोमती नदी, ऋषिकेश के माया कुंड में गंगा, नौगांव की यमुना और त्यूनी क्षेत्र की टोन्स नदी भी लगातार निगरानी में हैं। इन नदियों के जलस्तर क्रमशः 863.60, 337.15, 1058.96 और 888.80 मीटर तक पहुंच चुके हैं, जो खतरे की सीमा के काफी पास हैं। इसी के साथ राज्य के 12 बड़े बैराजों और 12 जलाशयों की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है। इनमें से आठ स्थानों पर जलस्तर स्थिर है, जबकि दो स्थानों पर पानी का स्तर बढ़ा और दो जगहों पर गिरावट आई है।