Dehradun: सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ (Joshimath) में शुरू में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 100 एल.पी.एम. हो गया है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ने जोशीमठ (Joshimath) में कार्यरत विभिन्न तकनीकी संस्थानों के निदेशकों और वैज्ञानिकों से आग्रह किया है कि प्रभावित क्षेत्र का तत्काल अध्ययन करते हुए अध्ययन रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध करायी जाय।

जोशीमठ (Joshimath) में भू-धसांव का अध्ययन समयबद्ध तरीके से हो। विभिन्न तकनीकी संस्थान अपनी अध्ययन रिपोर्टे एक दूसरे से सांझा भी करें। अध्ययन रिपोर्टो में स्पष्टता के साथ ही समाधान की भी चर्चा की जाय। उन्होंने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ (Joshimath) में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है और पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 258 परिवार सुरक्षा को देखते हुए अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 865 है।