शंखनाद INDIA / एक अध्ययन के मुताबिक अगर टीकाकरण और सख्त शारीरिक दूरी दोनों का प्रयोग किए जाए तो कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाई जा सकती है। इन तरीकों का इस्तेमाल करने के बाद संक्रमण रोकने के लिए लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं पडे़गी। यह शोध ‘नेचर ह्यूमन बिहेवियर’ नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह अध्ययन नीति-निर्माताओं और सरकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को यह बताता है कि उन्हें समय के साथ संक्रमण रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाने चाहिए।
संक्रमण को रोकने में टीकाकरण और शारीरिक दूरी किस तरह अपनी भूमिका निभाते हैं, यह जानने के लिए चीन से महामारी विज्ञान और कोरोना वायरस केस डाटा के साथ अज्ञात मोबाइल फोन जियोलोकेशन डाटा का इस्तेमाल किया गया हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैंपटन और चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं ने कम, मध्यम और अधिक घनत्व वाले शहरों में इन उपायों के प्रभाव के बारे में बताया विज्ञानियों ने कहा कि भविष्य में कोरोना संक्रमण का फैलाव इस बात पर निर्भर करता है कि इसको रोकने के लिए कितने तेजी से उपाए किए गए है, और वहां पर वैक्सीन की उपलब्धता कैसी है। उनका अनुमान है कि टीकाकरण और शारीरिक दूरी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त हैं और इस दौरान लोगों को घरों पर रहने की जरूरत भी नहीं होगी। विज्ञानियों ने कहा कि जब तक हर्ड इम्युनिटी प्राप्त नहीं हो जाती है तब तक मध्यम और उच्च घनत्व आबादी वाले शहरों में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण और शारीरिक दूरी का प्रयोग किया जाना आवश्यक है।
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