Uttarakhand : उत्तराखंड के हर हिस्से से आपदा की आहट सुनाई दे रही है। जोशीमठ का हाल हम देख ही रहे हैं, इस बीच एक डराने वाली तस्वीर हरिद्वार से आई है। यहां मनसा देवी का पहाड़ लगातार दरक रहा है।
महज दस दिनों में यहां से छह बार मलबा आया है, जिससे रेलवे को लाखों का नुकसान हुआ। निचले इलाकों में रह रहे लोग भी डरे हुए हैं। पहाड़ के आस-पास 12 हजार से ज्यादा की आबादी रहती है। अगर पहाड़ का जल्द ही ट्रीटमेंट न किया गया तो बड़ी घटना हो सकती है।
Uttarakhand : पहाड़ के दरकने की रफ्तार तेजी से बढ़ी
जिलाधिकारी ने पहाड़ के ट्रीटमेंट के लिए शासन को पत्र लिखा है। जल्द ही एक टीम पहाड़ के निरीक्षण के लिए पहुंच सकती है। लगातार दरक रहे मनसा देवी के पहाड़ ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले सालों की अपेक्षा इस बार पहाड़ के दरकने की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। जिस कारण ब्रह्मपुरी, काशीपुरा बस्सी में खतरा मंडरा रहा है।
लगातार मलबा आने की वजह से यहां पर रेलवे ट्रैक 34 घंटे तक बाधित रहा। इससे 118 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। रेलवे को लाखों का नुकसान हुआ है, साथ ही तलहटी पर बनी कॉलोनियों में खतरा बढ़ गया है।
Uttarakhand : 2017 में काशीपुरा के पास गिरा था पहाड़
इससे पहले 2017 में काशीपुरा के पास पहाड़ गिर गया था। अब पहाड़ से लगातार मलबा आ रहा है। प्रशासन की ओर से किए गए सर्वे में कहा गया था कि यहां ट्रीटमेंट की जरूरत है, लेकिन तब से अब तक कोई खास काम नहीं किया गया।
पहाड़ के पास ब्रह्मपुरी, काशीपुरा ओर जोगियामंडी में 12 हजार से ज्यादा लोग बसे हैं। ये सभी डरे हुए हैं। पहाड़ से आ रहा मलबा बाजारों में पहुंच रहा है, जिससे व्यापारियों को भी लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है।
डीएम धीराज गर्ब्याल ने कहा कि पिछले दिनों यहां पांच से छह बार मलाबा आया है। यहां पहाड़ के ट्रीटमेंट की जरूरत है। शासन को पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है।
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