पूनम चौधरी शंखनाद इंडिया देहरादून:

उत्तराखंड: साल 2018 के निकाय चुनाव से पहले हुए सीमा विस्तार के दौरान शहरों में शामिल नए वार्डों के कमर्शियल भवनों को भी टैक्स से राहत मिल सकती है। पूर्व में सीएम घोषणा के क्रम में शहरी विकास विभाग ने इसका कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रदेश सरकार ने 2018 में एक साथ 42 निकायों का सीमा विस्तार करते हुए, ढाई सौ से अधिक गांवों को शहरों में शामिल किया था।

तत्कालीन में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नए शामिल गांवों में विरोध को देखते हुए, बता दें कि इन क्षेत्रों को हाउस टैक्स से दस साल तक छूट देने की घोषणा की थी। लेकिन बाद में जब विभाग ने इसका शासनादेश निकाला तो इस छूट के दायरे में सिर्फ आवासीय भवनों को शामिल किया गया।

अपको यह भी बता दें की इस कारण कई जगह निकाय में नए शामिल इलाकों में स्थित व्यावसायिक भवनों को हाउस टैक्स नोटिस भेज रहे थे। इसका स्थानीय स्तर पर विरोध भी हो रहा था। इस पर अप्रैल 2022 में बतौर सीएम तीरथ सिंह रावत ने व्यावसायिक भवनों को भी यह लाभ देने की घोषणा की थी, तब से यह मामला अटका हुआ था।अब यदि उक्त कैबिनेट प्रस्ताव पारित हो जाता है तो इन इलाकों में शामिल व्यावसायिक भवनों को 2027 तक के लिए राहत मिल सकती है। प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने प्रस्ताव तैयार किए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट के स्तर से ही होना है।

विभाग ने जेसीओ से ऊपर रैंक के सैन्य अधिकारियों को भी पूर्व की तरह हाउस टैक्स छूट देने का कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कर लिया है। पूर्व में सरकार ने यह छूट सीमित कर दी थी, अब सैनिक कल्याण विभाग से प्रतिपूर्ति की शर्त पर विभाग जेसीओ से ऊपर रैंक के अधिकारियों को यह छूट देने की तैयारी कर रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी पूर्व में इसकी घोषणा कर चुके हैं।

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