प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) में रजिस्ट्रेशन न कराने वाली फैक्टरियों के मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट का जो भी आदेश होगा उस पर अमल किया जाएगा। बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन न कराने वाली 1724 फैक्ट्रियों की एनओसी रद्द कर दी थी।
काशीपुर में ऐसी लगभग 195 फैक्टरियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। यह फैक्टरियां अभी तक पीसीबी में रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकी हैं। सिर्फ 75 फैक्टरियों का ही रजिस्ट्रेशन हो सका है। हाल ही में हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी) ने बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहीं फैक्टरियों की एनओसी रद्द कर दी थी। शुरुआती चरण में ऐसी 292 फैक्टरियों के नाम सामने आए। बाद में जांच में पता चला कि लगभग 270 फैक्टरियां ऐसी हैं, जो प्लास्टिक का उपयोग पैकेजिंग में कर रही हैं। इनका पीसीबी में रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है।
100 से ज्यादा उद्योगों को उत्पादन बंद करने के लिए नोटिस दिए गए। इसी बीच केजीसीसीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उद्यमियों को 20 दिसंबर तक की राहत दी थी। कोर्ट ने कहा कि 20 तारीख तक उद्यमी अपनी फैक्टरी का रजिस्ट्रेशन करा लें। अब यह समय पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी करीब 195 फैक्टरियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है।
हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी नजर…
आवेदन न करने वाली फैक्टरियां जरूरी दस्तावेज जुटाने में लगी हैं। इसमें समय लगने के कारण वह रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं कर सकीं हैं। 20 दिसंबर को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), यूपीसीबी और केजीसीसीआई सहित तमाम पक्षकारों को अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखना है। रजिस्ट्रेशन न कराने वाले उद्यमियों की निगाह अब हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी है। उद्योग जगत में सोमवार को यह प्रक्रिया चर्चा का विषय बनी रही।
जिले में करीब 75 फैक्टरियों के संचालकों ने यूपीसीबी में रजिस्ट्रेशन कराया है। फैक्टरियों के रजिस्ट्रेशन सीपीसीबी में भी होते हैं। 65 फैक्टरियों ने रजिस्ट्रेशन के लिए पीसीबी के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया है। इनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।