उत्तराखंड में मौसम का मिजाज कुछ बदला हुआ है। राजधानी देहरादून में कहीं धूप तो कहीं बादल छाए हुए हैं। तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। उमस भरी गर्मी ने सुबह ही लोगों के पसीने छुटाने शुरू कर दिए हैं। अधर, पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के बाद कुदरत का कहर बरप रहा है। पहाड़ी इलाकों में नदी नाले उफान पर हैं। वहीं, बारिश के बाद सड़कों पर मलबा फैल गया है। उधर टिहरी और रुद्रप्रयाग में कई घरों में मलबा गिरने से हालत बुरे हैं। गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरी नाथ हाईवे भी भूस्खलन से कई जगहों पर बंद है।  वहीं मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए मौसम का पूर्वानूमान  जारी कर दिया है।

30 जुलाई तक अलर्ट जारी 

मौसम विभाग ने प्रदेश में 30 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मैदानी से लेकर पहाड़ी इलाकों तक में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। गुरुवार को भी कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पूरे उत्तराखंड में 30 जुलाई तक घने बादल छाने के साथ ही वर्षा की संभावना है।

मलबा गिरने से खतरे में कई घर

उधर, टिहरी के घनसाली के भिलंगना ब्लॉक के ग्राम कोट में भारी बारिश को चलते घरों पर पहाड़ी से मलबा गिर गया। इस दौरान लोगों ने भागकर जान बचाई। मलबा गिरने से पांच आवासीय भवनों को खतरा पैदा हो गया है। कई घरों में भी मलबा भर गया है। वहीं, तीन मकान मलबा गिरने से आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

उफान पर नदियां, 296 सड़कें बंद

यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में रात से हो रही बारिश से यमुना नदी, हनुमान गंगा, बडियार नदी उफान पर चल रही है। उधर, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में काली नदी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है। वहीं लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश में 296 सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने के लिए 240 जेशीबी मशीनों को लगाया गया है। इसके अलावा 12 स्टेट हाईवे, आठ मुख्य जिला मार्ग, तीन जिला मार्ग, 139 ग्रामीण सड़कें और 133 पीएमजीएसवाई की सड़कें बंद हैं।

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