समर्थ पोर्टल

प्रदेश में अब समर्थ पोर्टल का संचालन अब राजकीय विश्वविद्यालय खुद करेंगे। शासन स्तर पर सिर्फ पोर्टल की मॉनिटिरिंग की जाएगी। इस संबंध में विभागीय उच्चाधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। राजकीय विश्वविद्यालयों को समय पर वर्षिक शैक्षिक कैलेण्डर तैयार कर जारी करने को कहा गया है ताकि छात्र-छात्राएं समय पर स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश ले सकें।

समर्थ पोर्टल का संचालन खुद करेंगे विश्वविद्यालय

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने समर्थ पोर्टल के संचालन की जिम्मेदारी शासन से हटाकर राजकीय विश्वविद्यालयों को सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अब समर्थ पोर्टल का संचालन खुद करेंगे ताकि राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय परिसरों में स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश से लेकर शैक्षणिक औऱ अन्य गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित की जा सके। डॉ. रावत ने कहा कि शासन का कार्य सिर्फ पोर्टल की मॉनिटिरिंग करना है न कि पोर्टल का संचालन।

शासन केवल करेगा पोर्टल की मॉनिटिरिंग

कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि शासन समर्थ पोर्टल को खोले जाने और बंद करने की तिथि निर्धारित करेगा। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष समर्थ पोर्टल को लेकर कई दिक्कतें समाने आईं जिसे देखते हुये ये फैसला लिया गया। बैठक में विभागीय मंत्री ने निदेशक उच्च शिक्षा को राजकीय महाविद्यालयों में प्राचार्यों के रिक्त पदों पर एक सप्ताह के भीतर डीपीसी कराने के निर्देश दिए हैं। ताकि जिन महाविद्यालयों में प्राचार्य के पद रिक्त हैं वहां प्राचार्य भेजे जा सके। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न संकायों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त पदों की रिपोर्ट विषयवार तीन दिन के भीतर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।

विश्वविद्यालय मिलकर तय करेंगे अपना शैक्षणिक कैलेण्डर

बैठक में डॉ. रावत ने राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को एक समान वार्षिक शैक्षिक कैलेण्डर जारी करने के निर्देश दिए। इसके लिये उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आपस में समन्वय कर शैक्षणिक कैलेण्डर तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिये शैक्षिक कैलेण्डर जरूरी है ताकि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्याल परिसरों में एक साथ प्रवेश, परीक्षा और परीक्षा परिणाम घोषित किये जा सके।

उन्होंने शैक्षणिक कैलेण्डर में तमाम गतिविधियों को शामिल कर महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से 180 दिवस कक्षाएं संचालित करने व 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके अलावा उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश के लिए प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी बैठक में दिए।