शंखनाद INDIA /  गैरसैंण                                                                                                                                                                                                                                                कोरोना संकट  मे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार, लगातार दूसरे वित्तीय वर्ष में ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में दाखिल हो रही है। राज्य सरकार ने अपने पांचवें बजट में आम आदमी को राहत पहुंचाने से लेकर राज्य में विकास कार्याें को रफ्तार देने में नई उमंग के साथ ताकत झोंक दी। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण मे विधानसभा सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र विंह रावत ने नए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 57 हजार 400 करोड़ का कर मुक्त और राजस्व सरप्लस बजट पेश किया। सरकार ने विकास कार्यों, खासतौर पर सड़कों व पुलों के निर्माण की बजट पोटली खोल दी है। कक्षा एक से आठंवी तक सभी विद्यार्थियों को मुक्त जूता और स्कूल बैग देने की घोषणा की गई है। शहरी क्षेत्र में हर घर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों व वंचितों समेत तमाम तबको का ख्याल रखा गया है।

ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद गैरसैंण में प्रदेश सरकार ने पहला बजट पेश किया हैं।  विधानसभा में  शाम चार बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर वित्त मंत्री दूसरा बजट पेश किया।   वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 57400.32 करोड़ के बजट मे समेकित निधि का घाटा पूरा करने के लिए 57400.22 करोड रहने का अनुमान है। नए बजट में समेकित निधि का घाटा पूरा करने के लिए 650 करोड़ रूपये लोक लेखा से समायोजित किए जाएंगे। बजट में किसानों पर विशेष फोकस करते हुए 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प दोहराया गया हैं। इसके लिए पंरपरागत कृषि विकास योजना के तहत 87.56 करोड़ रूपये रखे गए है।

मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ व एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का प्रविधान है,  प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के लिए बजट में 25 करोड़ दिए गए हैं। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 47 करोड़ दिए गए है। पेयजल व सिंचाई योजनाओं को खाली तबज्जो मिली है जमरानी परियोजना के लिए 240 करोड़ व सौंग पेयजल योजना के लिए 150 करोड़ रूपये बजट में रखे गए है । जल जीवन मिशन-ग्रामीण के लिए 667.76 करोड़ व नाबार्ड के तहत पेयजल योजनाओं के लिए 180 करोड़ की व्यवस्था की गई है।

कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स  के  लाभ के लिए कमेटी  :  राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी, पेंशनर्स हैं। जो संविदा, दैनिक वेतन भोगी के रूप में भर्ती हुए। अब ऐसे में  कर्मचारी, पेंशनर्स उसी तारीख से पेंशन का भी लाभ दिए जाने की मांग कर रहे है। ऐसे कर्मचारी, पेंशनर्स की संख्या राज्य में दस हजार से अधिक है। कर्मचारियों, पेंशनर्स को लेकर क्या किया जाना है।   उत्तराखंड के बजट का पचास फीसदी से अधिक हिस्सा कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और उधारी चुकाने पर खर्च हो रहा है।   विधानसभा में पेश किए गए बजट के आय व्यय में इसका उल्लेख किया गया है। राज्य के बजट का सबसे अधिक भाग कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, मजदूरी, आदि पर खर्च होता है। यह राशि बजट के कुल आकार का तकरीबन 30 प्रतिशत बैठती है। रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन पर बजट का कुल 13.3 प्रतिशत खर्च होता है ।

120 गांव सड़कों से जोड़े जाएंगे     मुख्यमंत्री ने कहा कि  राज्य के 120 सड़क विहीन गांवों को सड़कों से जोड़ा जाएगा। इस दौरान राज्य में 743 किमी सड़क और 43 पुल बनाए जाएंगे । इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के विकास को शीर्ष प्राथमिकता में रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी राज्य में सड़क व रेलवे की अनेक परियोजनाओं पर काम कर रही है।

खुशहाल होगा किसान :   मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ व एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का प्रविधान है,  प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के लिए बजट में 25 करोड़ दिए गए हैं। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 47 करोड़ दिए गए है। पेयजल व सिंचाई योजनाओं को खाली तबज्जो मिली है जमरानी परियोजना के लिए 240 करोड़ व सौंग पेयजल योजना के लिए 150 करोड़ रूपये बजट में रखे गए है । जल जीवन मिशन-ग्रामीण के लिए 667.76 करोड़ व नाबार्ड के तहत पेयजल योजनाओं के लिए 180 करोड़ की व्यवस्था की गई है।  कृषि व बागवानी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का सबसे अहम सेक्टर है। इस सेक्टर के जरिए स्व रोजगार के मौके उपलब्ध कराने की लिए सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। बजट में इन दोनों सेक्टरों के लिए खास होने की चर्चाएं भी हैं।

बजट में आत्मनिर्भर उत्तराखंड की झलक  :  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आत्मनिर्भर उत्तराखंड के मंत्र के साथ गुरूवार को बजट का मुख्य फोकस कृषि, स्वरोजगार और स्वास्थ्य-पेयजल सेक्टर पर रहा। सरकार ने इस साल कक्षा एक से आठ तक के पीने सात लाख छात्र-छात्राओं को मुक्त स्कूल बैग और जूते देने का निर्णय किया है। इसके साथ ही 14 और नई मांगों को बजट में शामिल किया गया है ।

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