सहकारी समिति

उत्तराखंड सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला “सहकार मंथन-2025” के समापन अवसर पर विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में व्यापक सुधार को सहकारी अधिनियम, नियमों में बदलाव किया जाएगा ताकि सहकारी व्यवस्था को भविष्योन्मुखी व पारदर्शी बनाया जा सके।

उत्तराखंड सहकारिता नियमावलियों में होगा बदलाव

उत्तराखंड सहकारिता नियमावलियों में बदलाव होने जा रहा है। सहकारिता क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए ये फैसला लिया गया है। डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड में सहकारिता अब केवल बैंकिंग तक सीमित न रहकर, एक सामाजिक-आर्थिक आंदोलन बन रही है। इसके लिए पारदर्शिता, तकनीक, और स्थानीय सहभागिता आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 670 पैक्स समितियां हैं, जिनमें 11 लाख सदस्य पंजीकृत है। जबकि 10 जिला सहकारी बैंक व 1 राज्य सहकारी बैंक में 19 लाख खाताधारक हैं। कुल मिलाकर 30 लाख लोग सहकारिता व्यवस्था से जुड़े हैं जो राज्य की कुल जनसंख्या का लगभग 35 प्रतिशत है

निष्क्रिय सहकारी समितियां होंगी समाप्त

31 दिसंबर 2025 तक “कोऑपरेटिव ड्राइव” के अंतर्गत 1 लाख नए सदस्य बनाए जाएंगे। इसके साथ ही 1 लाख नए बैंक खाते खोले जाएंगे विभाग में प्रमोशन-ट्रांसफर अब प्रदर्शन आधारित होंगे। सहकारी बैंकों में ट्रांसफर नीति भी लागू होगी।

बर्किंग स्टाइल में भी होगा बदलाव

इसके साथ ही वर्किंग स्टाइल में बदलाव के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश की 6,500 सहकारी समितियों में से लगभग 1500 निष्क्रिय हैं। ऐसी समितियों को समाप्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी और उनका पुनर्गठन किया जाएगा।