शंखनाद INDIA/ देहरादून

उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद से ही राज्य में नए सीएम को लेकर खूब सियासी घमासान हुआ| सीएम पद को लेकर कई बड़े नाम सामने आ रहे थे| हर कोई नए सीएम के चेहरे को लेकर चर्चा करते हुए पाए जा रहा था| आम जनता हो या राजनीतिक गलियारा, हर किसी के मन में बस एक ही सवाल था कि आखिर राज्य में अब सत्ता की चाबी किसे मिलेगी| वहीं यह सस्पेंस तब खत्म हुआ जब राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी गई| प्रदेश का नया मुखिया तीरथ सिंह रावत को बना गया|

सत्ता में काबिज होते ही सीएम तीरथ सिंह रावत ने जनता से तमाम वायदे किए जिन्हें पूरा करने में अभी शायद उन्हें समय लगे| लेकिन, खास बात यह है कि सीएम तीरथ सिंह रावत को राज्य की कमान संभालते हुए अभी 1 महीना भी पूरा नहीं हुआ है और वह मात्र चंद दिनों में ही अपने विवादित बयानों को लेकर फंसते नजर आ रहे हैं| सीएम लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे विपक्ष और आम जनता उनपर हमलावर हो रही है| हालांकि अभी तो उनके सीएम सफर की शुरूवात ही हुई है लेकिन जिस तरह से वो अपने बयानों को लेकर फंसते नजर आ रहे है आगे चलकर उनके लिए यह परेशानी का सबब जरूर बन सकता है|

बनारस में भी आयोजित होता है कुंभ

हाल ही में सीएम तीरथ सिंह रावत एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिससे वह फंस चुके हैं| दरअसल सीएम कोरोना की जंग से जीतकर कल ही सत्ता के मैदान में वापस लौटे थे| लेकिन पहले दिन ही उन्होंने ऐसा बयान दे दिया जिससे वह फिर लोगों के निशाने पर आ गए|  मंगलवार को सीएम हरिद्वार में कुंभ कार्यों के लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान सीएम ने कहा कि कुंभ बनारस में भी आयोजित किया जाता है। सीएम ने कहा कि मेले जगह-जगह होते हैं, कहीं भी हो सकते हैं, लेकिन कुंभ हरिद्वार में ही होता है। 12 साल में होता है, बनारस में होता है, उज्जैन में होता है। इसीलिए यह भव्य दिव्य होना चाहिए। बता दें कि कुंभ हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में होता है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सीएम ने ऐसा बयान दिया हो| इससे पहले भी सीएम ने कई ऐसे विवादित बयान दिए हैं जिससे वह जनता के निशाने पर आ गए|

पीएम मोदी और भगवान राम की तुलना

सबसे पहले सीएम तीरथ सिंह रावत ने नरेंद्र मोदी की भगवान राम और श्री कृष्ण से तुलना कर दी थी| उन्होंने कहा था कि जिस तरह से द्वापर और त्रेता युग में भगवान राम व कृष्ण को लोग उनके कामों की वजह से भगवान मानने लगे थे उसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने वाले समय में भगवान राम और कृष्ण की तरह मानने लगेंगे| सीएम अपने इस बयान को लेकर खूब फंसे| विपक्षी पार्टी ने भी सीएम के इस बयान की काफी निंदा की और उन पर जमकर हमलेबाजी की|

फटी जींस वाले बयान पर मचा बवाल

इसके बाद सीएम ने लड़कियों की फटी जींस पर भी विवादित बयान दिया था| जिसे लेकर भी वह खूब फंसे| हालांकि बाद में सीएम ने अपने इस बयान को लेकर माफी भी मांगी| दरअसल, सीएम ने आयोग के एक कार्यक्रम में बोलते हुए संस्कार और संस्कृति के बारे में बात की| इस दौरान उन्होंने लड़कियों के संस्कारों की उनकी फटी जींस से तुलना कर दी| सीएम ने कहा कि आजकल के युवा पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित हैं| सीएम ने कहा कि  बच्चों को नशे की ओर ले जाने के लिए उसे दिए जा रहे संस्कार जिम्मेदार हैं| बच्चा जैसा देखता है, सुनता है, वैसा ही बन जाता है| उन्होंने युवाओं और खासकर युवतियों, महिलाओं के फटी जींस पहनने पर कमेंट करता हुआ कि ऐसे में बच्चे क्या सीखेगा?

20 बच्चे पैदा करते तो मिलता ज्यादा राशन

इसके बाद उन्होंने एक और ऐसा बयान दे डाला जिससे राज्य में उनकी खूब किरकिरी हुई| दरअसल, रामनगर में अंतरराष्ट्रीय बानकी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम रावत लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा बांटे जा रहे राशन का जिक्र कर रहे थे|  उन्होने कहा कि लॉकडाउन में मिलने वाले राशन को लेकर भी लोगों में जलन हो रही थी, लोग कह रहे थे कि दो सदस्यों वालों को 10 किलो जबकि 20 सदस्यों वाले परिवार को एक क्विंटल राशन क्यों दिया गया| सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अब इसमें किसकी गलती है| जलन करने की क्या जरूरत है| जब समय था तब आपने दो ही बच्चे पैदा किए 20 बच्चे पैदा क्यों नहीं किए| उन्होंने कहा कि ज्यादा बच्चे पैदा किए होते ज्यादा फायदा मिलता|

अमेरिका ने भारत को 200 साल तक बनाया गुलाम

सीएम यहीं पर नहीं रूके| राशन वाले विवादित बयान के बाद उन्होंने एक बार फिर ऐसा बयान दिया जिससे वह फंस गए| दरअसल, सीएम ने एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका ने 200 साल तक भारत को गुलाम बनाकर रखा| तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड महामारी से हमें 200 साल तक गुलाम बनाकर रखने वाला अमेरिका भी संघर्ष कर रहा है| उन्होंने कहा कि जहां अमेरिका के हम 200 वर्ष तक गुलाम थे, पूरे विश्व के अंदर उसका राज था, कभी उसका सूरज छिपता ही नहीं था, ये कहते थे, लेकिन आज के समय में वो डोल गया, बोल गया, पौने तील लाख तक मृत्युदर चला गया|

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