शंखनाद INDIA/ देहरादून
उत्तराखंड के जंगल इन दिनों भयानक आग से धधक रहे हैं| सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी जंगलों की आग थम नहीं रही है| सरकार पूरी तरह से आग पर काबू पाने में नाकामयाब साबित हो रही है| जंगलों में लगी आग से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है| जंगलों में लगी आग के कारण कई पशु-पक्षी भी अपनी जान गंवा चुके हैं| यहां तक कि इस भयावह आग ने कई लोगों की जान भी ली है| उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग इस तरह से फैली की इस आग में जलकर कई लोगों मौत हो गई| आग की शुरूवात जंगलों से होते होते लोगों के घरों तक जा पहुंची जिससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया| जंगलों में लगी यह आग लगातार सरकार के लिए परेशानी का सबब बनती रही| आग के कारण लोग परेशान होने लगे, पशु-पक्षी तितर-बितर हो गए| यह आग इतनी तेजी से बढ़ती चली गई कि धीरे-धीरे इसने मैदानी इलाके मे जाना शुर कर दिया|
उत्तराखंड में हर साल जंगलों में आग लगती है लेकिन बावजूद इसके भी सरकार सके पास आग पर काबू पाने के पर्याप्त साधन नहीं होते हैं जिस कारण जनता और पशु पक्षियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है| हालांकि जंगलों में लगी आग का एक मुख्य कारण लोगों की लापरवाही भी है| कई जगहों पर लोग जान बूझकर जंगलों में आग लगाकर छोड़ देते हैं और जिस कारण यह आग दूसरे जंगलों तक पहुंच जाती है| वहीं जंगलों में लगी आग को लेकर शुक्रवार को वन मंत्री हरक सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों के साथ बैठक की| वन मंत्री ने कहा कि अधिकारी गंभीरता से वनाग्नि को नहीं ले रहे हैं। उन्होंनें जंगलों में आग की घटनाओं को गंभीरता से लेने और जल्द से जल्द हालातों में सुधार की बात कही|
प्रदेश में जंगलों के धधकने का सिलसिला पिछले साल अक्टूबर से जारी है। इस दौरान प्रदेश में करीब 2400 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें लगभग 3000 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। अकेले गढ़वाल मंडल में ही 1360 घटनाओं में 1878 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। प्रदेशभर में अब तक 8 लोग जंगल की आग की चपेट में आकर जान गवां चुके हैं। इसके अलावा 21 मवेशियों की मौत और 32 मवेशी गंभीर रूप से झुलसे हैं। छह महीने में प्रदेश में 14000 के करीब पेड़ आग की चपेट में आकर राख हो गए हैं।
बीते दिन भी प्रदेश में आग की 95 घटनाएं सामने आईं हैं| इनमें कुल दो सौ हेक्टेयर जंगल जले। 12 घंटे में सर्वाधिक जंगल जलने का ये इस साल का नया रिकॉर्ड है। अप्रैल में अब तक कुल 21 सौ हेक्टेयर जंगल जल चुका है। जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग की कई टीमें मुस्तैद हैं लेकिन बावजूद इसके जंगलों की आग पर काबू पाना सरकार के लिए बेहद मुश्किल साबित हो रहा है| लगातार बढ़ रही यह आग अब लोगों के घरों तर जा पहुंची है जिससे लोगों में अब दहशत का माहौल बना है|
उत्तराखंड सरकार ने जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार से भी गुहार लगाई| केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को पूरी तरह से मदद का आश्वाशन दिया गया| गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम तीरथ सिंह रावत से जंगलों में लगी आग की घटनाओं के बारे जानकारी ली और सरकार को दो सेना के हेलीकॉप्टर की मदद दी गई जो जंगलों में जाकर आग बुझाने के लिए दी गई| वन विभाग ने दो दिन उत्तराखंड में एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी मैदान में उतारे, लेकिन यह भी सिर्फ एक प्लॉटिकल एजेंडा ही साबित हुआ| कुमाऊं में जंगल की आग से फैले धुएं के कारण चौपर उड़ान ही नहीं भर पाया तो गढ़वाल में दो दिन आग बुझाने का काम हुआ| अब इन्हें वापस भेज दिया गया है| और आज भी जंगल आग से धधक रहे हैं|