पंच केदारों मे द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट शुभ लगनानुसार वेद ऋचाओं व शिव भक्तों के जयकारों के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं। अब अगले छह महीने तक भक्त भगवान मदमहेश्वर के दर्शन कर सकेंगे।
भक्तों के लिए खुले मदमहेश्वर धाम के कपाट
भगवान मदमहेश्वर के कपाट विधिविधान-पूर्वक औज सुबह साढ़े ग्यारह बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं। भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने के पावन अवसर पर 667 तीर्थ यात्री कपाट खुलने के साक्षी बने। भगवान मदमहेश्वर की उत्सव डोली ने बुधवार सुबह धाम के लिए प्रस्थान किया। करीब 11 बजे डोली धाम पहुंची। जिसके बा0 11.30 पर वेद ऋचाओं के बीच धाम के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए।
छह कुन्तल फूलों से सजाए गए मंदिर
द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम के साथ ही सहायक मन्दिरों को छह कुन्तल फूलों से सजाया गया है। भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलते ही यात्रा पडा़वो पर रौनक लौटनी लगी है। शिव भक्त 14 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर भगवान मदमहेश्वर के धाम पहुंचकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।