Manipur : मणिपुर में तकरीबन 3 माह से हिंसा की आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में सड़क से लेकर संसद तक हंगामा मचा हुआ है। इसी बीच, आज हिंसा लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। मणिपुर में जातीय संघर्ष में अब तक तकरीबन 142 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 5,995 मामले दर्ज किए गए हैं। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।

Manipur : केंद्र सरकार ने दायर किया हलफनामा

केंद्र सरकार ने बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि उसने मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने से संबंधित मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है और सरकार महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह का अपराध सहन नहीं करेगी। गृह मंत्रालय ने अपने सचिव अजय कुमार भल्ला के माध्यम से दायर एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट से उस मामले को मणिपुर के बाहर भी ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है। हालांकि, इस मामले में अभी तक सात लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि जांच जल्द से जल्द पूरी कर ली जाएगी।

Manipur : सुप्रीम कोर्ट ने जाहिर की थी नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को महिलाओं का वीडियो सामने आने के बाद कहा था कि वह वीडियो से बहुत ज्यादा परेशान हो गए हैं। कोर्ट ने कहा था कि हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह से अस्वीकार्य था। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया था और कहा था कि अगर आप कदम नहीं उठाएंगे तो हमें आदेश देना होगा । हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को जारी हिंसा के पीड़ितों के लिए राज्य सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे पुनर्वास उपायों की भी जानकारी दी गई। गृह मंत्रालय ने कहा कि 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की अतिरिक्त कंपनियों को मणिपुर में तैनात किया गया है। Also Read : स्वाति मालीवाल को नहीं मिली Manipur दौरे की अनुमति, फिर सामने आया नया मामला