शंखनाद INDIA / चंडीगढ़। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने में अहम भूमिका निभाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू अब नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के अब तक के कामकाज से भी संतुष्ट नहीं हैं। जिन मुद्दों को लेकर वह कैप्टन को घेरते थे, उन्हीं मुद्दों पर उन्होंने चन्नी पर हमला बोला। उन्होंने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा तो की, लेकिन साथ ही यह शर्त भी रख दी कि जब तक एडवोकेट जनरल (एजी) व डीजीपी नहीं हटाए जाते तब तक वह कांग्रेस भवन नहीं जाएंगे।

सिद्धू ने पंजाब सरकार को चुनौती देते हुए कहा, ‘अगर सरकार में ड्रग्स मामले की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं है, तो यह रिपोर्ट पार्टी को दे दें। मैं सार्वजनिक कर दूंगा। मुझ में हिम्मत भी है और दम भी।’ सिद्धू ने कहा, ‘पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी की आंख का तारा रहे इकबाल प्रीत सिंह सहोता और सैनी को ब्लैंकेट बेल दिलवाने वाले एपीएस देयोल को डीजीपी और एजी लगाया गया। इन्होंने बादलों को सुरक्षा कवच दिया। इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने ही 2015 में एसआइटी का प्रमुख होते हुए बरगाड़ी कांड में क्लीन चिट दे दी थी। हमें चुनाव में लोगों को इस मुद्दे जवाब देना पड़ेगा। ड्रग्स के मुद्दे को प्रकाश में लाने वाले राहुल गांधी थे। हमें हाईकमान की सोच पर पहरा देना होगा। रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से कौन रोक रहा है। न तो कोर्ट ने मना किया है और न ही हाईकमान ने।’

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