UTTARAKHAND RTI, UTTARAKHAND NEWS

उत्तराखंड सूचना आयोग से मिली जानकारी ने हैरान कर दिया है.  जी हां वो इसलिए क्योंकि आरटीआई को लेकर जो खुलासा हुआ है वो चौका देगा. आपको बता दें कि नवंबर 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद से जून 2022 तक उत्तराखंड में 11 लाख 56 हजार 694 सूचनाएं rti एक्ट के तहत मांगी गईं. इनमें से 1 लाख 15 हजार 135 मामले प्रथम अपील के लिए और मात्र 51 हजार 397 मामले सेकंड अपील के लिए आयोग में आए.

 उत्तराखंड सूचना आयोग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 2 सालों में सबसे ज्यादा RTI राजस्व और गृह विभाग में लगाई गई हैं जो की कुल आंकड़े के करीबन 30% है. इसके बाद राजस्व विभाग और शिक्षा विभाग का नंबर आता है जहां सबसे ज्यादा आरटीआई लगी। वहीं अगर टॉप 5 विभागों की बात करें तो इसमें राजस्व, गृह विभाग, शिक्षा, वित्त और वन विभाग शामिल है।

वहीं अगर बात उन विभागों की करें जहां सबसे कम आरटीआई आती हैं तो उनमें प्रोटोकॉल, राज्य पुनर्गठन, धर्मस्य, आईटी और आपदा प्रबंधन विभाग शामिल हैं. साथ ही अगर बात करें उन जिलों की जहां के लोग  सबसे ज्यादा आरटीआई लगाते हैं तो सबसे पहले नंबर पर देहरादून है जहां 37 %, हरिद्वार से 23 %, उधम सिंह नगर से 11%, नैनीताल से 8 %, पौड़ी से 6 %, टिहरी और अल्मोड़ा से 3%, चमोली और उत्तरकाशी से 2%, पिथौरागढ़ से 1.5% आरटीआई आई।

वहीं तकरीबन 4.5% लोग राज्य के बाहर स आरटीआई लगा रहे हैं. इनमे महिलाएं आगे है। बीते 2 साल में आयोग को प्राप्त द्वितीय अपील और शिकायत में 7 से 8% महिलाओं के द्वारा द्वितीय अपील और शिकायत की गयी है.