शंखनाद INDIA / पर्यटन : क्या आपको पता है आज “विश्व पर्यटन दिवस” है जिसको पूरा संपूर्ण भारत बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मना रहा है। ….. आज आपको याद होगा। …. आज दिनांक 27 सितंबर है आज “शंखनाद न्यूज़” आपके साथ अपनी एक स्पेशल पेशकश प्रस्तुत करना चाहता है। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा आज आपके साथ “शंखनाद” शेयर करेगा अपने विचार पर्यटन दिवस की बात हो और उत्तराखंड का जिक्र ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। क्योंकि बहुत से पर्यटन उत्तराखंड में ही तो आते हैं अपने मन को शांति देने के लिए अपने मन के अंदर के भावो को समाप्त करने के लिए उत्तराखंड की वादियों में आते हैं। चाहे विदेशी सैलानी ही क्यों ना हो उत्तराखंड की वादियों से भलीभांति परिचित है। उन्हें पता है कि उत्तराखंड की वादियों में वह शांति का हम अनुभव कर सकते हैं। जो हमें कहीं भी नहीं मिलेगा जब भी महीने में कभी छुट्टी मिलती है तो उत्तराखंड आना नहीं भूलते हैं। भारत की संस्कृति और सामाजिक गतिविधियां और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं. हम सभी अगर उत्तराखंड हम आते हैं तो हमें यहां की शांति, सुकून और हरियाली हमेशा याद रह जाती है। हमारे दिल के किसी कोने में वह यादें हमेशा बसी रहती है…… जब भी कोई पर्यटन संपूर्ण भारत को ही छोड़ बाहर के राज्यों से अपने उत्तराखंड आता है तो वह यहां पर बिताई हुई वह यादें कभी नहीं भूल पाता है. हम सभी भलीभांति परिचित हैं न जाने कितने बड़े-बड़े अभिनेता, रॉकस्टार उत्तराखंड आते हैं और यहां के प्रकृति के सौंदर्य को कभी नहीं भूल पाते हैं। शायद उन्हें सुकून बड़ी-बड़ी इमारतें दिल्ली-मुंबई में नहीं मिलता जो सुकून और शांति उन्हें उत्तराखंड की वादियों में मिलती है। यदि हम ऋषिकेश को याद करें ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग सबसे ज्यादा प्रचलित और प्रख्यात है. हर पर्यटन या कहे यात्री इसका अनुभव जरूर लेना चाहता है. वह साल में क्यों ना एक बार मौका लगे ,लेकिन अवश्य उत्तराखंड आता है। कल-कल बहती नदियां मंद-मंद हवाएं मन को कहीं ना कहीं उस शांति महसूस करा देती है। जो हमें कुछ रौनक भरे शहरों में नहीं मिलती हैं हम सभी जानते हैं कि उत्तराखंड में पर्यटन बहुत ही ज्यादा विश्व प्रख्यात है।

पर्यटन की मद्दद से मिला रोज़गार

पर्यटन की वजह से यहां पर जितनी भी युवा हैं उनको रोजगार के अवसर भी मिले हैं और आज इस पर्यटन दिवस पर शंखनाद आपको याद दिलाना चाहता है कि केवल पर्यटन की मदद से उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार मिला है। जिसके लिए आज यदि हम पॉलिटिक्स में घुसे तो बड़े-बड़े राजनेता अपनी पार्टियों में जो वादे कर रहे हैं वह भी रोजगार से ही संबंध रखते हैं. इसी के साथ मैं अपने शब्दों को विराम देना चाहती हूं यह शंखनाद की पेशकश मुझे जरूर देनी थी। मैं संवाददाता आरती पांडे इस पेशकश को आप सभी के समक्ष लाना चाहती थी। मैं चाहती थी कि लोग जाने के पर्यटन दिवस की कितनी ज्यादा महत्वता या कहे कितना ज्यादा यह महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड के लिए अपने शब्दों को विराम देते हुए आप सभी को पर्यटन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। …..