स्कूल

शिक्षा विभाग बच्चों की सुरक्षा को लेकर लाख दावे करे, लेकिन इनकी हकीकत  पौड़ी का भगवती मेमोरियल पब्लिक स्कूल बयां कर रहा हैं। जहां जिस भवन पर में बच्चे पढ़ते हैं वो ही गधेरे के किनारे बना हुआ है। इसके साथ ही स्कूल में सुरक्षा के लिए सबसे अहम मानी जाने वाली सुरक्षा दीवार भी नहीं है। ऐसे में बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए जा रहे हैं।

डेंजर जोन में गदेरे किनारे खड़ा विद्यालय भवन

श्रीनगर और श्रीकोट के बीच टीचर्स कॉलोनी क़े पास गदेरे जैसे संवेदनशील स्थान पर स्थित “भगवती मेमोरियल पब्लिक स्कूल” विवादों के घेरे में है। ये विद्यालय एक ऐसे खतरनाक स्थान पर चल रहा है जहाँ लगातार भूस्खलन, गदेरे से बाढ़ और भूकंप जैसी दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। स्कूल बनने से गदेरे क़े प्राकृतिक मार्ग बंद हो गया हैं। विद्यालय भवन परिसर के चारों ओर सुरक्षा दीवार तक नहीं है, जो किसी भी स्कूल निर्माण क़े लिए जरुरी मानक के खिलाफ है।

शिक्षा विभाग की ओर से बार-बार निर्धारित सुरक्षा मानकों पर जोर दिया जाता है, लेकिन इस विद्यालय में उनका पालन नहीं किया गया।विद्यालय नें बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में ना रखते हुए स्कूल बिल्डिंग निर्माण के कार्य किए है। जिस से भविष्य में कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है। स्थानीय लोग भी लगातार बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन स्कूल प्रशासन ने इस ओर ध्यान तक नहीं दिया।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा दांव पर

आपको बता दें कि जिस जगह पर ये स्कूल है उससे कुछ ही दूरी पर रेलवे विकास परियोजना की एडिट टनल भी हैं। यहां टनल होने से वायु प्रदूषण की स्थिति भी पैदा हो रही है। लेकिन विद्यालय प्रशासन द्वारा प्रदूषण नियंत्रण क़े भी कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। जिस से बच्चों के स्वास्थय के लिए भी खतरा पैदा हो रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वो लंबे समय से बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं लेकिन शासन-प्रशासन की इस ओर नजर ही नहीं गई। हैरानी की बात है कि ऐसे संवेदनशील और खतरनाक स्थल पर किसी स्कूल की बिल्डिंग को कैसे मंज़ूरी दी गई। इसके साथ ही ये भी सवाल उठता है कि क्या इस जगह का कोई भूगर्भीय सर्वे किया गया था या नहीं ? क्या किसी अधिकारी ने यह सुनिश्चित किया कि यह स्थान शैक्षणिक गतिविधियों के लिए सुरक्षित है?

स्थानीय लोगों ने की मामले की जांच की मांग

स्थानीय लोगों का कहना है कि ये निर्माण बिना समुचित जांच और भू-संरक्षण मानकों को ताक पर रखकर किया गया है। अब जब मानसून अपने चरम पर है, हर बारिश के बाद इस स्कूल पर खतरा और गहरा होता जा रहा है। स्थानीय लोगों की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जाएं।