Maharashtra विधानसभा स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के 12 विधायकों को साल भर के लिए सदन की कार्यवाही से स्थगित करने के फैसले को असंवैधानिक और अनुचित ठहराया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एक सत्र से ज़्यादा का निलंबन सदन के अधिकार में नहीं और ऐसा करना असंवैधानिक। महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर ने साल भर के लिए बीजेपी के 12 विधायकों को निलंबित किया था।
Maharashtra : महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा करने के आरोप
विधानसभा स्पीकर के इस फैसले को बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। बता दें कि पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा करने के आरोप में 12 बीजेपी विधायक एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया था। ये विधायक ओबीसी आरक्षण के समर्थन में हंगामा कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विधायकों का निलंबन सिर्फ उसी सत्र के लिए हो सकता है, जिसमें हंगामा हुआ था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान भी तल्ख टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रवि कुमार की बेंच ने कहा था कि ये फैसला लोकतंत्र के लिए खतरा ही नहीं बल्कि तर्कहीन भी है।
Maharashtra : 12 बीजेपी विधायकों के एक साल के निलंबन
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सदन में कथित कदाचार और दुर्व्यवहार के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के 12 बीजेपी विधायकों के एक साल के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान न्यायमूर्ति खानविलकर ने सुंदरम से कहा था कि विधायकों का निलंबन सदन के सत्र से बड़ा नहीं होना चाहिए और इसके अलावा कुछ भी तर्कहीन होगा।
न्यायमूर्ति रविकुमार ने कहा था, एक और बात यह है कि ये लोकतंत्र के लिए खतरा है। मान लीजिए कि सत्ताधारी पार्टी कमजोर है और 15 या 20 लोग निलंबित हैं, तो ऐसे में लोकतंत्र का भाग्य क्या होगा?
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