शंखनाद.INDIA देहरादून।  कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के लिए पेड़ काटे जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। मामले की जांच से आईएफएस संजीव चतुर्वेदी ने हाथ खींच लिए हैं। इस संबंध में अभी तीन दिन पहले पीसीसीएफ राजीव भरतरी ने मामले की जांच वन अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को सौंपी थी। लेकिन संजीव चतुर्वेदी ने मामले की जांच की वैधता और जांच से पहले उठाए जा रहे तमाम सवालों के बाद जांच करने से इनकार कर दिया है।

आईएफएस संजीव चवुर्वेदी पीसीसीएफ राजीव भरतरी को लिखे पत्र में कहा है कि इस मामले में उन्हें जांच अधिकारी बनाए जाने के बाद शासन से लेकर विभाग के ही तमाम उच्च अधिकारियों के विरोधाभाषी बयान समाचार पत्रों और तमाम दूसरे माध्यमों से प्राप्त हो रहे हैं। जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इस मामले की जांच विभाग या शासन स्तर पर सही में कराई भी जानी है या लिपापोती का प्रयास किया जा रहा है।

संजीव ने लिखा है कि उन्होंने अब तक अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार, कदाचार से संबंधित सैकड़ों प्रकरणों की जांच कर उसे मुकाम तक पहुंचाया। जिसमें सत्तारूढ़ दलों के शक्तिशाली नेताओं से लेकर वरिष्ठतम अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्तता उजागर हुई। इस जांचों की सरहाना सीबीआई, सीवीसी, संसदीय समिति और अन्य प्राधिकरणों की ओर से भी की गई। लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि उन्हें किसी मामले में जांच अधिकारी बनाए जाने के बाद इतना भय, व्याकुलता, भ्रम और संशय की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है।

इस मामले में जांच शुरू होने से पहले ही जिस तरह से शासन और विभाग के उच्च अधिकारियों के विरोधाभाषी बयान सामने आ रहे हैं, उससे न केवल इस जांच की वैधानिकता पर प्रश्न उठते हैं, बल्कि जांच प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व ही इसकी शुचिता को भी खंडित करने का प्रयास किया जा रहा है। संजीव ने लिखा है कि इन परिस्थितियों में इस प्रकरण में उनका जांच करना संभव नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी लिखा है कि भविष्य में यह सुनिश्चत किया जाए कि भ्रष्टाचार, कदाचार के किसी भी प्रकरण में वास्तविक दोषियों के विरुद्ध वास्तव में ही कार्रवाई करने के विषय में विभाग, शासन के स्तर से स्पष्ट निर्णय होने के बाद ही उन्हें किसी जांच में अधिकारी नामित किया जाए।
कोटद्वार से करीब 30 किमी दूर काॅर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो रेंज में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट टाइगर सफारी का निर्माण कार्य चल रहा है। टाइगर सफारी के निर्माण के लिए अनुमति (163) से अधिक संख्या में पेड़ काटे जाने, कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग के पाखरों वन विश्राम गृह और कालागढ़ वन विश्राम गृह के बीच अवैध निर्माण, पाखरों से कालागढ़ के बीच सड़क पर कर्ल्वट बनाने और जलाशय का निर्माण आदि की शिकायतें हैं।

 

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× हमारे साथ Whatsapp पर जुड़ें