शंखनाद INDIA/ देहरादून
कोरोना संकट के बीच हरिद्वार में आज कुंभ का दूसरा शाही स्नान है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही दुनिया के लोग शाही स्नान में पुण्य की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। शाही स्नान के दिन अखाड़े विशेष केंद्र में बने हुए हैं| शाही जुलूस के साथ अखाड़े हरकी पैड़ी पर स्नान कर रहे हैं। कुंभ प्रशासन द्वारा आज होने वाले इस शाही स्नान को लेकर बीते दिन ही पूरी तैयारियां कर ली गई थीं। हरिद्वार की सीमाओं के अलावा जगह-जगह बैरियर लगाकर सख्ती कर दी गई है। सोमवती अमावस्या के शाही स्नान पर कुंभ मेला पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरकी पैड़ी पर स्नान करने के लिए राहत दी।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं| सावधानी के साथ सोमवती अमावस्या का शाही स्नान हो रहा है| हरकी पैड़ी पर ब्रह्म कुंड को अखाड़ों के लिए आरक्षित रखा गया है। इस दौरान आम श्रद्धालु हरकी की पैड़ी पर प्रवेश नहीं कर पाए| उन्हें अन्य घाटों पर स्नान करने के लिए भेजा गया। शाही स्नान सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू हुआ, और शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। सभी तेरह अखाड़ों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है। सुबह आठ बजे तक गंगा घाटों पर दस लाख भक्तों ने डुबकी लगाई।
कुंभ के शाही स्नान में शामिल होने श्रद्धालु सुबह सात बजे तक ही हरकी पैड़ी पर स्नान कर पाए। इसके बाद आम श्रद्धालु हरकी पैड़ी क्षेत्र में नहीं जा पाए, क्षेत्र अखाड़ों के संतों के स्नान के लिए आरक्षित है। कुंभ में शाही स्नान को लेकर रूट व्यवस्था पूरी तरह से तैयार कर ली गई है| शहर के अंदर चारपहिया, आटो व ई-रिक्शाओं को देवपुरा चौक से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।
आईजी मेला ने बताया कि शाही स्नान के दौरान जाने वाले वाहनों की संख्या 100 से ज्यादा नहीं होगी। इसके साथ ही हाथी एवं घोड़ों की संख्या भी कम रहेगी। महामंडलेश्वर अपने साथ 25 से ज्यादा भक्तजन नहीं ले जा सकेंगे। वहीं जुलूस में पांच से ज्यादा बैंड डीजे वाले नहीं होंगे। संजय सेतू पर कोई भी अखाड़ा खड़ा नहीं होगा। हरिद्वार में शाही स्नान के लिए आने वाले भक्तों को पहले कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी पड़ रही है| इसके बाद ही उन्हें शाही स्नान के लिए भेजा रहा है| प्रशासन ने लोगों को 72 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाने को कहा है|