ऋषिकेश- बदरीनाथ राजमार्ग पर घोलतीर में हुए हादसे में लापता लोगों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। वाहन हादसे में लापता नौ लोगों में एक और शव आज बरामद किया गया है।  रेस्क्यू दल ने रतूड़ा के पास नदी की की किनारे से शव बरामद किया। रेस्क्यू दल अलकनंदा नदी के दोनों छोर से खोजबीन कर रहा है। हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि आठ घायल हैं और आठ यात्री लापता हैं। बीते बृहस्पतिवार को देर शाम देहरादून से लौटते ही जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से की मुलाकात। बृहस्पतिवार सुबह लगभग 7 बजे राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के 18 यात्री, एक गाइड और चालक 31 सीटर बस से जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुए थे। सुबह करीब 7:30 बजे, जिला मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर दूर घोलतीर के समीप बस अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में गिर गई।

खिड़कियों से छिटककर नदी में गिरे लोग

हादसा होते ही चालक सुमित सहित 10 लोग खिड़कियों से छिटककर नदी के पास खाई में गिर गए, जबकि अन्य लोग बस सहित उफनती नदी में जा गिरे। नदी के दूसरी तरफ बसे भटवाड़ी गांव निवासी शिक्षक सत्येंद्र सिंह भंडारी ने हादसे की सूचना तुरंत जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को दी। उनके साथ मरोड़ा और घोलतीर के ग्रामीण और व्यापारी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को बचाने में जुट गए। कुछ ही देर में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, डीडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंचीं और रस्सियों के सहारे नीचे उतरकर बचाव अभियान शुरू किया। रेस्क्यू दल को खाई में एक किशोरी सहित दो लोग मृत मिले, जिनके शव सड़क तक पहुंचाए गए। वहीं दो बच्चों सहित आठ घायलों को रेलवे, आईटीबीपी व स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। वाहन चालक सहित चार गंभीर घायलों को हेलिकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश भेजा गया।

घायलों की स्थिति खतरे से बाहर

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राम प्रकाश और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि जिला चिकित्सालय में भर्ती चारों घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि लापता यात्रियों की तलाश जारी है। एक लापता महिला का शव धारी देवी मंदिर के पास से नदी से मिला है। रेस्क्यू दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं।

शुरुआती जांच में चालक सुमित की लापरवाही और बस में तकनीकी कमी, दोनों बातें सामने आ रही हैं। चालक के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं, घायल सुमित का कहना है कि वह 20 किमी/घंटा की गति से वाहन चला रहा था। विपरीत दिशा से आ रहे एक ट्रक की टक्कर से उसके बस का स्टीयरिंग नीचे की तरफ हो गया, जिससे वह अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। इस हादसे में घायल हुई यात्री भावना सोनी ने भी चालक के बयान का समर्थन किया है।

बदरीनाथ जा रहे थे सभी

घायल अमिता सोनी ने बताया कि 17 जून को सभी हरिद्वार से चारधाम के लिए निकले थे। गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा पूरी कर दो दिन पहले केदारनाथ पहुंचे थे और बुधवार को वापस आकर रुद्रप्रयाग में रुके थे। बृहस्पतिवार सुबह 7 बजे वे रुद्रप्रयाग से बदरीनाथ के लिए रवाना हुए थे।

लापता यात्रियों की तलाश में रेस्क्यू टीमें जुटी हैं। घायलों का उपचार चल रहा है। प्रशासन पूरी संवेदनशीलता से स्थिति पर नजर बनाए हुए है। ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

हादसे में इनकी हुई मौत

विशाल सोनी (42), निवासी राजगढ़, मध्य प्रदेश।

गौरी सोनी (41), निवासी राजगढ़, मध्य प्रदेश।

ड्रिमी (17), निवासी सूरत, गुजरात।

वाहन हादसे में ये लोग हुए घायल

जिला चिकित्सालय में भर्ती:

अमिता सोनी (49), निवासी मीरा रोड महाराष्ट्र।

भावना सोनी ईश्वर (43), निवासी सूरत, गुजरात।

भव्य सोनी (7), निवासी सूरत, गुजरात।

पार्थ सोनी (10), निवासी राजगढ़, मध्य प्रदेश।

एम्स ऋषिकेश में भर्ती

दीपिका सोनी (42), निवासी सिरोही, मीनावास, राजस्थान।

हेमलता सोनी (45), निवासी प्रताप चौक, गोगुंडा, राजस्थान।

ईश्वर सोनी (46), निवासी सूरत, गुजरात।

वाहन चालक सुमित कुमार (23), पुत्र नरेश कुमार, निवासी बैरागी कैंप, हरिद्वार।

हादसे में लापता

रवि भवसार (28), निवासी उदयपुर, राजस्थान।

मौली सोनी (19), निवासी सूरत, गुजरात।

ललित कुमार सोनी (48), निवासी गोगुंडा, राजस्थान।

संजय सोनी (55), निवासी उदयपुर, राजस्थान।

मयूरी (24), निवासी सूरत, गुजरात।

चेतना सोनी (52), निवासी उदयपुर, राजस्थान।

चेष्ठा (12), निवासी सूरत, गुजरात।

कट्टा रंजना अशोक (54), निवासी ठाणे, महाराष्ट्र।

सुशीला सोनी (77), उदयपुर, राजस्थान।