रिखणीखाल:

रिखणीखाल,ढाबखाल बाजार बनता जा रहा है,आशिकों का अड्डा,मनोरंजन स्थल व बाहरी राज्यों का ठगी का व्यापारिक केन्द्र।

रिखणीखाल प्रखंड के गाँवों में बाहरी प्रदेशों के अनजान,संदिग्ध लोगों का आना जाना बदस्तूर जारी।कोई रोक टोक नहीं।रिखणीखाल के समीपवर्ती गांवों सिनाला,ढाबखाल आदि गांवों में बाहरी प्रदेशों के अनधिकृत,वगैर सत्यापन,वगैर चरित्र प्रमाणपत्र,वगैर एफिडेविट कराये लोगों का बेरोकटोक आना जाना लगातार बना हुआ है।

घटना है कि ग्रामीणों ने ढाबखाल बाजार व उसके आसपास गाँव के लोगों ने इन दो बाहरी राज्य झारखंड के दो संदिग्ध व अनजान लोगों को पकड़कर घेर रखा है।ये अपना नाम पवन सोनी व खंतार मंडली बताते हैं।ये लोग मोती पाउडर पीताम्बरी,ज्वैलरी की सफ़ाई आदि ठगी का कार्य करते हैं।ये गाँव की भोली माली महिलाओं युवतियों को ज्वैलरी सफ़ाई का लालच देकर ठगी कर रहे हैं।अभी कुछ दिन पहले ही पुलिस महानिदेशक,उत्तराखंड का आदेश था कि उत्तराखंड में बाहरी राज्य के लोग बगैर सत्यापन,चरित्र प्रमाणपत्र,एफिडेविट आदि के प्रवेश नहीं करेंगे लेकिन यहाँ तो कुछ उल्टा ही नजर आ रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि ये सब रिखणीखाल पुलिस के नकारापन के कारण हो रहा है,और कहा कि हमारा रिखणीखाल पुलिस से भरोसा टूट चुका है।पहले भी कई ऐसे मामले हुए हैं।ग्रामीण इनका पुरजोर विरोध व वहिष्कार कर रहे हैं तथा आक्रोश देखने को मिल रहा है।

आये दिन रिखणीखाल,ढाबखाल के बाजारों में कुछ न कुछ रोज की घटना होती रहती है।ये वाक्या है दिनांक 29/07/2022 का ,जब एक युवक व युवती ढाबखाल बाजार में घूमते व टहलते मिले तो गाँव वालों का माथा ठनका,और उन्होंने उनसे पूछताछ शुरू की,ये युवक जिसका नाम मोनू पुत्र फूल सिंह उम्र 28 वर्ष निवासी शिकोहपुर,हरिद्वार तथा युवती सानिया पुत्री तारीफ उम्र 21 वर्ष निवासी मेहूवाला,देहरादून दोनों ढाबखाल बाजार में दिखाई दिये।ये आपस में हल्की मारपीट भी कर रहे थे,जिससे ग्रामीणों को संदेह हुआ।फिर ये रात्रि विश्राम के लिए कमरा भी मांग रहे थे जिसे ग्रामीणो ने कमरा देने से साफ मना कर दिया।ये संदिग्ध व ओछी हरकत होने पर शक और गहरा गया।

स्थानीय ग्रामीणों ने इन दोनों को रिखणीखाल थाना को रैफर कर दिया।ये जानकारी स्थानीय ग्रामीणो से मिली है।देखना अब ये है कि रिखणीखाल,ढाबखाल दिन प्रतिदिन बाहरी लोगों का ठगी का व्यापारिक केन्द्र तथा आशिकों का अड्डा व मनोरंजन स्थल बनता जा रहा है।समय रहते इस घटनाओं पर लगाम न लगी तो भविष्य में कुछ भी आपराधिक वारदातें हो सकती हैं।क्या जिला प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने में सफल हो पायेगा?