शंखनाद INDIA/देवप्रयाग-: देवप्रयाग के निकट सौड़ में रेलवे स्टेशन के निर्माण के नाम पर लगभग पन्द्रह गाँवों के काश्तकारों की जमीन को बिना जायज मुआवजा बांटे अधिग्रहित करने का स्थानीय ग्रामीण जबरदस्त विरोध कर रहे हैं।ग्रामीणों का आरोप है की रेलवे और जिला विकास प्राधिकरण पौड़ी के अधिकारियों की मिलीभगत से उनके हिस्से का मुआवजा ठिकाने लगाया जा रहा है और उनको औना-पौना मुआवजा बांटकर जबरन उनकी भूमि पर कब्जा किया जा रहा है।

आज सुबह जब रेलवे के अधिकारी मौके पर जेसीबी-पोकलैंड मशीन के साथ काम करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने इसका जबरदस्त विरोध किया,जिला प्रशासन पौड़ी ने भारी पुलिस फोर्स को भी ग्रामीणों के आक्रोश को दबाने के लिए भेजा था,मामला उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में भी लंबित है,जहां पर ग्रामीणों ने याचिका दायर की है कि उन्हें बिना उचित मुआवजा दिये हुए उनकी भूमि को रेलवे स्टेशन के निर्माण के नाम पर अधिग्रहित न किया जाए।

बड़ा सवाल यह है कि जब उत्तराखण्ड हाईकोर्ट से अभी तक मामला पूरी तरह से निस्तारित नहीं है,तो कैसे रेलवे के अधिकारी जबरन काश्तकारों की भूमि पर रेलवे स्टेशन के निर्माण को शुरू कर रहे हैं?धीरे-धीरे ग्रामीणों का यह आक्रोश बड़े आंदोलन का रूप अख्तियार कर रहा है,आम आदमी के प्रदेश प्रवक्ता आशुतोष नेगी ने ग्रामीणों के आक्रोश को जायज़ बताते हुये,उन्हें हर तरह की कानूनी मदद और सड़क पर समर्थन देने की बात कही है।